स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी मतलब एसएलबीसी की समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई है कि बिहार के कुछ जिलों में कर्ज कम वितरित किए गए हैं. बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार को भी शामिल होना था, किन्तु दिल्ली में सर्वदलीय बैठक में शामिल होने की वजह से वे नहीं आ सके. बैठक में किसानों से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए.
वित्तीय वर्ष 2019-20 की यह प्रथम बैठक थी. बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के विभिन्न जिलों के बैंक प्रतिनिधियों से बात की गई. इसमें सभी सरकारी बैंकों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इस बैठक में बिहार के वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बैंकों को 2019-20 के दौरान एक लाख 45 हजार करोड़ का कर्ज वितरित करने का टारगेट दिया है. वित्त मंत्री सुशील मोदी ने स्पष्ट कहा है कि जिन्हें कर्ज की आवश्यकता है बैंक कर्ज देने में कोताही न बरतें. प्रदेश के 12 जिलों में जरूरतमंदों के बीच कम कर्ज बांटे गए हैं. इनमें बांका, सीवान, मधुबनी जिले शामिल है.
सुशील मोदी ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा है कि डेयरी, पॉल्ट्री और मछली कारोबार में शामिल लोगों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा प्रदान की जाएगी. सुशील मोदी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान बिहार में बैंकों ने 1 लाख 9 हजार करोड़ के कर्ज वितरित किए गए हैं. हालांकि ये लक्ष्य से कम है किन्तु फिर भी बैंक बधाई के पात्र हैं.