पश्चिम बंगाल की सियासत में घात प्रतिघात जारी है. ममता सरकार में मंत्री रहे सुवेंदु अधिकारी की बगावत के बाद उनके पिता शिशिर अधिकारी को दीघा शंकरपुर विकास प्राधिकरण बोर्ड के चेयरमैन पद से हटा दिया गया है. शिशिर अधिकारी अभी भी तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं.
सुवेंदु अधिकारी के बीजेपी में शामिल होने के बाद ममता बनर्जी के अधिकारी परिवार से रिश्ते खराब हो गए हैं. इधर सुवेंदु अधिकारी भी इस बार के बंगाल चुनाव में ममता सरकार को उखाड़ फेंकने की हुंकार भर रहे हैं. सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर तानाशाही रवैया का आरोप लगाते हुए पार्टी को अलविदा कह दिया था.
BJP में शामिल होते ही सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर हमला किया और कहा कि ये टीएमसी अब भतीजे की पार्टी हो गई है.
टीएमसी ने पहले तो सुवेंदु अधिकारी के छोटे भाई सौमेन्दु अधिकारी को पूर्वी मिदनापुर जिले में कांथी नगरपालिका के अध्यक्ष पद से हटा दिया. इसके बाद अब सुवेंदु के पिता को भी दीघा शंकरपुर विकास प्राधिकरण बोर्ड के चेयरमैन पद से हटा दिया गया है.
सौमेन्दु अधिकारी टीएमसी के पार्षद थे. इस कार्रवाई के बाद वह एक दर्जन अन्य तृणमूल पार्षदों के साथ भाजपा में शामिल हो गए.
ममता बनर्जी सरकार ने दीघा शंकरपुर विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी अब अखिल गिरी को सौंपने का ऐलान किया है. अखिल गिरी सुवेंदु अधिकारी के कट्टर प्रतिद्वंदी माने जाते हैं.
बता दें कि शिशिर अधिकारी टीएमसी के संस्थापक सदस्यों में माने जाते हैं. शिशिर कंथाई लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस पार्टी के सांसद है. शिशिर अधिकारी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री भी रह चुके हैं.