भारतीय वायु सेना की सबसे शक्तिशाली विमानों में से एक Sukhoi-30 MKI aircraft के लिए हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमटेड (HAL) से 240 एयरो-इंजन खरीदी जाएगी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि एयरो इंजन में 54 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी। बयान में कहा गया है कि इनका निर्माण एचएएल के कोरापुट डिवीजन में किया जाएगा। आठ साल के भीतर इन सबकी आपूर्ति हो जाएगी।
सुरक्षा मामलों से संबंधित कैबिनेट कमेटी ने सोमवार को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों सुखोई-30एमकेआइ (Sukhoi-30 MKI aircraft) के लिए हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमटेड (HAL) से 240 एयरो-इंजन खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस पर 26,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे।
आठ साल के भीतर इन सभी इंजन हो जाएगी आपूर्ति
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन एयरो-इंजनों की आपूर्ति एक साल बाद शुरू होगी और आठ साल के भीतर इन सबकी आपूर्ति हो जाएगी। सुखोई-30एमकेआइ भारतीय वायुसेना (आइएएफ) के सबसे शक्तिशाली और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लड़ाकू विमानों में से एक है।
एचएएल के कोरापुट डिवीजन में किया जाएगा निर्माण
मंत्रालय ने कहा कि एयरो इंजन में 54 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी। बयान में कहा गया है कि इनका निर्माण एचएएल के कोरापुट डिवीजन में किया जाएगा। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि एचएएल द्वारा इन एयरो-इंजनों की आपूर्ति वायुसेना के बेड़े की जरूरतों को पूरा करेगी ताकि वे अपने आपरेशन को निर्बाध जारी रख सकें और देश की रक्षा तैयारियों को मजबूत कर सकें।