मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य की नई खेल नीति मंजूरी दे दी गई। नई नीति में खेल सुविधाओं के विकास, कम उम्र से ही खिलाड़ी तैयार करने और खिलाडि़यों को प्रोत्साहन पर फोकस किया गया है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मंगलवार देर शाम कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि राज्य में खेल प्रतिभाओं का विकास आठ साल की उम्र से शुरू होगा। इसके लिए फिजिकल एंड स्पोट्र्स एप्टिट्यूड टेस्ट की व्यवस्था लागू होगी।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत आठ से 14 वर्ष तक के उदीयमान खिलाडि़यों को बॉडी टेस्ट और दक्षता के आधार पर प्रतिमाह 1500 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके तहत उत्तराखंड के 1950 बालकों और 1950 बालिकाओं यानी कुल 3900 उभरते हुए खिलाडि़यों को यह लाभ दिया जाएगा। राज्य में उच्च प्राथमिकता वाले खेलों के विकास के लिए सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना
राज्य के 14 से 23 वर्ष तक के मेधावी खिलाड़ियों को खेल संबंधी जरूरतों के लिए छात्रवृत्ति, खेल किट, ट्रैकसूट और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। इस योजना के तहत प्रतिवर्ष 2600 खिलाड़ियों को दो हजार रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाएगी। खेल सुविधाओं के लिए इस वर्ग के खिलाड़ियों को हर साल 10 हजार तक की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।