गुम है किसी के प्यार में एपिसोड में सस्पेंस भरा ट्रैक चल रहा है। विराट के सीनियर कश्मिनर सर पर कोई रॉकेट लॉन्चर से हमला कर देता है। इसके बाद उन्हें अस्पताल में लाया जाता है। सत्या और सई इस बात से अनजान होते हैं कि कमिश्नर के सीने में रॉकेट लॉन्चर फंसा है। विराट हॉस्पिटल अथॉरिटी से बोलता है कि पूरा अस्पताल खाली करना पड़ेगा वर्ना लॉन्चर फट सकता है। इसके लिए बैकअप प्लान तैयार होता है। विराट सत्या से दुश्मनी भूलकर मिलकर काम करता है। इस बीच कमिश्नर सर की बेटी उनके सीने पर हाथ रखे रहती है। अगर वो हाथ हटा लेगी तो रॉकेट फट जाएगा। विराट सत्या के सामने सई को ध्यान रखने के लिए बोलता है। विराट को गुस्सा आता है।
डिफ्यूज करने में बड़ा रिस्क
ऑपरेशन थिएटर में सई और सत्या कमिश्नर की बेटी सिया रोती है। सत्या और सई उसे समझाते हैं। दूसरी ओर विराट साइंटिस्ट्स को बुलाकर रॉकेट लॉन्चर डिफ्यूज करने के लिए बुलाता है। विराट अस्पताल खाली करवाता है। हॉस्पिटल में विराट कमिश्नर का एक्स-रे डिफ्यूजर्स को दिखाता है। वे लोग बोलते हैं कि इसे डिफ्यूज करना मुमकिन नहीं है। इसके फटने से खून की बारिश होगी। विराट बोलता है कि ऐसा कुछ नहीं होगा।
सई ने खतरे में डाली जान
खतरनाक सिचुएशन में कमिश्नर के पास एक ही डॉक्टर रह सकता है। सई बोलती है कि वह अंदर रहेगी। वहीं सत्या बोलता है कि बहुत रिस्क है वह अंदर रहेगा। ऑपरेशन थिएटर में कमिश्नर की बेटी डर जाती है। सई पुलिस, डिफ्यूजर्स और डॉक्टर को बाहर भेजती है। सई डीप ब्रीदिंग करवाकर सिया को रिलैक्स करती है। वह उसे समझाती है कि यह रॉकेट निकालना कितना जरूरी है। सिया में हिम्मत आ जाती है। फिर एक ऐसी सिचुएशन आ जाती है कि सिया डर जाती है। वह हाथ हटा लेती है और सबको लगता है कि ब्लास्ट हो जाएगा। सिया के हटते ही सई अपना हाथ कमिश्नर की छाती पर रख लेती है।
सई को खतरे में नहीं देख पाया विराट
सई को खतरे में देखकर विराट चिल्ला पड़ता है। इस घटना का टेलीकास्ट टीवी पर होता है और मीडिया हॉस्पिटल को घेर लेती है। चव्हाण फैमिली को पता चल जाता है कि विराट, सई और सत्या की जान खतरे में है। उधर अंबा भी यह जानकर रोने लगती है। अंबा बेहोश हो जाती है। उधर चव्हाण फैमिली और सत्या की फैमिली सबकी सलामती के लिए दुआ करते हैं। सत्या सई पर गुस्सा होता है कि उसने अपनी जान खतरे में क्यों डाली। गुस्से में उसके मुंह से निकलता है, गिरिजा को खो चुका हूं, तुम्हें भी खो दूं क्या।
झगड़े सई, विराट, सत्या
विराट बोलता है कि सई जांबाज पुलिस अफसर की बेटी है। इसे शौर्य कहते हैं। विराट बोलता है कि सई ने सबकी जान बचाई है। ऑपरेशन थिएटर में सत्या और विराट की बहस होने लगती है। सई दोनों को चुप करवाती है। बोलती है कि अगर वह चेस्ट पर हाथ न रखती तो सब मर जाते। विराट सई को जैकेट पहनाने चलता है तो सत्या बोलता है कि वह जैकेट पहनाएगा। इस पर विराट उसे झिड़क देता है कि पूरी जिंदगी पड़ी है बाद में पति धर्म निभा लेना। विराट सई को जैकेट पहनाता है तो सत्या को बुरा लगता है। सई विराट को बोलती है कि घर चले जाओ, सत्या समझ जाता है कि सई विराट की जान बचाने के लिए बोल रही है। सई विराट से बोलती है कि बच्चों के लिए सही पर चला जाए।
सत्या को हुआ सई से प्यार
उधर सत्या सोचता है कि सई को खतरे में देखकर इतनी घबराहट क्यों हो रही है। वह मान लेता है कि शायद गिरिजा को खोने के बाद अब वह सई को खोना नहीं चाहता। सत्या सोच में पड़ जाता है कि वह किसी और की बराबरी गिरिजा से कैसे कर सकता है। वह खुद से सवाल करता है कि क्या वह सई से प्यार करने लगा है।
ऑपरेशन के बीच आएगी रुकावट
विराट सत्या की ओर देखकर बोलता है कि वह किसी को कुछ नहीं होने देगा। प्रीकैप में दिखाया जाएगा कि सई, सत्या और बम डिफ्यूज करने वाली टीम ऑपरेशन थिएटर में होती है, इस बीच सीनियर डॉक्टर बोलते हैं कि ये ऑपरेशन यहां नहीं हो सकता वर्ना आसपास की कई बिल्डिंग्स को नुकसान होगा।