संजीता चानू के डोप में फंसने के पीछे कहानी गहराती जा रही है। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने दावा किया है कि इंडियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन को अमेरिकन डोप एजेंसी (यूसाडा) ने 19 जनवरी को संजीता के डोप में फंसने के बारे में बता दिया था। भारतीय संघ का कहना है कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई। जानकारी दिए जाने के बारे में भारतीय संघ ने आईडब्लूएलएफ से न सिर्फ सुबूत मांग लिए हैं बल्कि उल्टा उसी से सवाल कर दिया है कि अगर उन्हें संजीता के फंसने के बारे में खुद पता लग गया था तो डोप रिजल्ट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी उनकी होने के बावजूद संजीता को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया गया। इसके उलट आईडब्लूएफ ने चार मई को गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के लिए जारी की गई आधिकारिक रैंकिंग में संजीता का नाम खुद डाला।  आईडब्लूएफ की ओर रैंकिंग जारी किए जाने के बाद पांच मई को कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन ने गोल्ड कोस्ट में भाग लेने वाले लिफ्टरों की घोषणा की। यही नहीं आईडब्लूएफ की ओर से भारतीय संघ को दी गई जानकारी में यह बात सामने आती है कि चार जनवरी को सॉल्ट लेक, उटाह स्थित लैब ने संजीता की डोप रिपोर्ट वाडा और आईडब्लूएफ को भेजी है। इसके बाद नौ जनवरी को संजीता के गलत ईमेल पर यूसाडा ने रिपोर्ट भेजी जिसकी कॉपी आईडब्लूएफ को की गई। इसके बाद यूसाडा ने 19 जनवरी को भारतीय संघ के अलावा आईडब्लूएफ को फिर रिपोर्ट भेजी। संजीता चानू भारतीय संघ का कहना है कि अगर रिपोर्ट पहले ही आ गई थी तो प्रतिबंध लगाने की जिम्मेदारी आईडब्लूएफ की बनती है। उसे तत्काल संजीता को प्रतिबंधित कर देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया बल्कि संजीता को गोल्ड कोस्ट में खेलने की मंजूरी खुद आईडब्लूएफ ने रैंकिंग जारी कर दी।   भारतीय संघ का कहना है कि संजीता अगर पहले प्रतिबंधित कर दी जातीं तो उन्हें गोल्ड कोस्ट में खेलने से रोका जा सकता था। अब आईडब्लूएफ ने खुद ही जानकारी मांगी है कि 18 नवंबर को डोप सैंपल होने के बाद संजीता कौन से अंतरराष्ट्रीय कंपटीशनों में खेली हैं। यही कारण है कि भारतीय संघ इस मामले को संदेह की निगाह से देखते हुए संजीता के लिए पूरी तरह से लड़ाई लड़ने जा रहा है

संजीता चानू के डोप में फंसने के पीछे की कहानी पर संदेह, भारतीय संघ ने IWF से मांगे सबूत

संजीता चानू के डोप में फंसने के पीछे कहानी गहराती जा रही है। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने दावा किया है कि इंडियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन को अमेरिकन डोप एजेंसी (यूसाडा) ने 19 जनवरी को संजीता के डोप में फंसने के बारे में बता दिया था।संजीता चानू के डोप में फंसने के पीछे कहानी गहराती जा रही है। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने दावा किया है कि इंडियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन को अमेरिकन डोप एजेंसी (यूसाडा) ने 19 जनवरी को संजीता के डोप में फंसने के बारे में बता दिया था।  भारतीय संघ का कहना है कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई। जानकारी दिए जाने के बारे में भारतीय संघ ने आईडब्लूएलएफ से न सिर्फ सुबूत मांग लिए हैं बल्कि उल्टा उसी से सवाल कर दिया है कि अगर उन्हें संजीता के फंसने के बारे में खुद पता लग गया था तो डोप रिजल्ट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी उनकी होने के बावजूद संजीता को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया गया। इसके उलट आईडब्लूएफ ने चार मई को गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के लिए जारी की गई आधिकारिक रैंकिंग में संजीता का नाम खुद डाला।   आईडब्लूएफ की ओर रैंकिंग जारी किए जाने के बाद पांच मई को कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन ने गोल्ड कोस्ट में भाग लेने वाले लिफ्टरों की घोषणा की। यही नहीं आईडब्लूएफ की ओर से भारतीय संघ को दी गई जानकारी में यह बात सामने आती है कि चार जनवरी को सॉल्ट लेक, उटाह स्थित लैब ने संजीता की डोप रिपोर्ट वाडा और आईडब्लूएफ को भेजी है। इसके बाद नौ जनवरी को संजीता के गलत ईमेल पर यूसाडा ने रिपोर्ट भेजी जिसकी कॉपी आईडब्लूएफ को की गई। इसके बाद यूसाडा ने 19 जनवरी को भारतीय संघ के अलावा आईडब्लूएफ को फिर रिपोर्ट भेजी।  संजीता चानू भारतीय संघ का कहना है कि अगर रिपोर्ट पहले ही आ गई थी तो प्रतिबंध लगाने की जिम्मेदारी आईडब्लूएफ की बनती है। उसे तत्काल संजीता को प्रतिबंधित कर देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया बल्कि संजीता को गोल्ड कोस्ट में खेलने की मंजूरी खुद आईडब्लूएफ ने रैंकिंग जारी कर दी।   भारतीय संघ का कहना है कि संजीता अगर पहले प्रतिबंधित कर दी जातीं तो उन्हें गोल्ड कोस्ट में खेलने से रोका जा सकता था। अब आईडब्लूएफ ने खुद ही जानकारी मांगी है कि 18 नवंबर को डोप सैंपल होने के बाद संजीता कौन से अंतरराष्ट्रीय कंपटीशनों में खेली हैं। यही कारण है कि भारतीय संघ इस मामले को संदेह की निगाह से देखते हुए संजीता के लिए पूरी तरह से लड़ाई लड़ने जा रहा है

भारतीय संघ का कहना है कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई। जानकारी दिए जाने के बारे में भारतीय संघ ने आईडब्लूएलएफ से न सिर्फ सुबूत मांग लिए हैं बल्कि उल्टा उसी से सवाल कर दिया है कि अगर उन्हें संजीता के फंसने के बारे में खुद पता लग गया था तो डोप रिजल्ट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी उनकी होने के बावजूद संजीता को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया गया। इसके उलट आईडब्लूएफ ने चार मई को गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के लिए जारी की गई आधिकारिक रैंकिंग में संजीता का नाम खुद डाला। 

आईडब्लूएफ की ओर रैंकिंग जारी किए जाने के बाद पांच मई को कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन ने गोल्ड कोस्ट में भाग लेने वाले लिफ्टरों की घोषणा की। यही नहीं आईडब्लूएफ की ओर से भारतीय संघ को दी गई जानकारी में यह बात सामने आती है कि चार जनवरी को सॉल्ट लेक, उटाह स्थित लैब ने संजीता की डोप रिपोर्ट वाडा और आईडब्लूएफ को भेजी है। इसके बाद नौ जनवरी को संजीता के गलत ईमेल पर यूसाडा ने रिपोर्ट भेजी जिसकी कॉपी आईडब्लूएफ को की गई। इसके बाद यूसाडा ने 19 जनवरी को भारतीय संघ के अलावा आईडब्लूएफ को फिर रिपोर्ट भेजी।

संजीता चानू
भारतीय संघ का कहना है कि अगर रिपोर्ट पहले ही आ गई थी तो प्रतिबंध लगाने की जिम्मेदारी आईडब्लूएफ की बनती है। उसे तत्काल संजीता को प्रतिबंधित कर देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया बल्कि संजीता को गोल्ड कोस्ट में खेलने की मंजूरी खुद आईडब्लूएफ ने रैंकिंग जारी कर दी।
 
भारतीय संघ का कहना है कि संजीता अगर पहले प्रतिबंधित कर दी जातीं तो उन्हें गोल्ड कोस्ट में खेलने से रोका जा सकता था। अब आईडब्लूएफ ने खुद ही जानकारी मांगी है कि 18 नवंबर को डोप सैंपल होने के बाद संजीता कौन से अंतरराष्ट्रीय कंपटीशनों में खेली हैं। यही कारण है कि भारतीय संघ इस मामले को संदेह की निगाह से देखते हुए संजीता के लिए पूरी तरह से लड़ाई लड़ने जा रहा है

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