लोगों के विवाह में बहुत परेशानियां आती हैं। गुरु ग्रह के दोष को शांत करने के लिए कई उपाय हैं। विवाह के लिए गुरु ग्रह का अनुकूल होना अनिवार्य है। जिनकी कुंडली में गुरु अशुभ स्थान पर होता है, ये उपाय अगर गुरु पुष्य के शुभ योग में किए जाएं तो और भी जल्दी मनचाहे फल की प्राप्ति हो सकती है। इस बार 4 अक्टूबर को गुरु पुष्य का शुभ योग बन रहा है। इस शुभ योग में आगे बताया गया उपाय करने से शादी के योग बन सकते हैं…

उपाय
गुरुवार को केले के पेड़ के नीचे पीला कपड़ा रखकर देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें। अगर ये संभव न हो तो केले के पत्ते पर भी दोनों देवताओं की प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं।
गाय के दूध से बृहस्पति व विष्णुजी का अभिषेक करें और पीले फूल, पीला चंदन, गुड़, चने की दाल, पीले वस्त्र दोनों देवताओं को अर्पित करें।
दोनों देवताओं को भोग में पीले पकवान और पीले फल अर्पित करें।
ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो हर ग्रह की अपनी अलग खासियत, रविवार को भूलकर भी न करें ये काम…
इस तरह पूजा करने के बाद देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु की आरती गाय के शुद्ध घी के दीपक से करें –
श्रीनिवासाय देवाय नम: श्रीपयते नम:।
श्रीधराय सशाङ्र्गाय श्रीप्रदाय नमो नम:।।
श्रीवल्लभाय शान्ताय श्रीमते च नमो नम:।
श्रीपर्वतनिवासाय नम: श्रेयस्कराय च।
श्रेयसां पतये चैव ह्याश्रयाय नमो नम:।
नम: श्रेय:स्वरूपाय श्रीकराय नमो नम:।।
शरण्याय वरेण्याय नमो भूयो नमो नम:।
स्त्रोत्रं कृत्वा नमस्मृत्य देवदेवं विसर्जयेत्।।
इति रुद्र समाख्याता पूजा विष्णोर्महात्मन:।
य: करोति महाभक्त्या स याति परमं पदम्।।
इस तरह गुरु पुष्य योग में पूजा करने से गुरु का अशुभ प्रभाव होता है और शुभ फल मिलने लगते हैं। साथ ही शादी के योग भी बनने लगते हैं।
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