बिनसर की खास बात यह है कि कोई मुख्य मार्ग इससे लगा हुआ नहीं है. इस वजह से यहां भीड़-भाड़ कम होती है और सैलानी प्रकृति की गोद में खेलते हैं.
अगर शहर के कोलाहल से ऊब गए हैं और सुकून के कुछ पल बिताना चाहते हैं तो उत्तराखंड के बिनसर घूम आइए. बिनसर अनछुए प्राकृतिक वैभव और शांत परिवेश के लिए मशहूर है.
बिनसर की खास बात यह है कि कोई मुख्य मार्ग इससे लगा हुआ नहीं है. इस वजह से यहां भीड़-भाड़ कम होती है और सैलानी प्रकृति की गोद में खेलते हैं.
पहाड़ों को पसंद करने वाले सैलानियों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है. यहां घने देवदार के जंगलों के बीच से हिमालय पर्वत श्रृंखला का मनोरम दृश्य दिखता है. यहां की घाटियां आपकी आंखों को सुकून देंगी. बिनसर से हिमालय की केदारनाथ, चौखंबा, त्रिशूल, नंदा देवी, नंदाकोट और पंचोली चोटियों की 300 किलोमीटर लंबी शृंखला दिखाई देती है, जो अपने आप में अद्भुत अहसास है.
बिनसर के जंगल ज्यादातर ढलान वाले अभयारण्य में तेंदुआ पाया जाता है. इसके अलावा हिरण और चीतल भी आपको आसानी से दिखाई दे जाते हैं. यहां 200 से भी ज्यादा तरह के पक्षी पाए जाते हैं. अगर आप लकी हुए तो आपको उत्तराखंड की राज्यपक्षी मोनाल भी दिखाई दे सकती है.
दिल्ली से बिनसर की दूरी तरकीबन 390 किमी है. सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर है. जो बिनसर से लगभग 152 किमी की दूरी पर स्थित है. काठगोदाम रेलवे स्टेशन बिनसर से सबसे निकटतम है जिसकी दूरी 120 किमी है. इसके अलावा बिनसर के लिए नैनीताल, हल्द्वानी और अल्मोड़ा से नियमित बसें उपलब्ध रहती हैं.
वैसे तो ये जगह साल के किसी भी समय घूमी जा सकती है लेकिन सैलानी, अक्टूबर से मार्च के महीनों में ये जगह घूमना ज्यादा पसंद करते हैं.