भारत के राज्य हरियाणा के चर्चित शराब घोटाले के मामले में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आबकारी महकमे की कार्यप्रणाली पर संतोष जताया. उन्होंने साफ किया है कि एसईटी ने जो कागजात मांगे थे वे दे दिए गए हैं. एसईटी ने हमसे 8 दस्तावेज मांगे थे जो निर्धारित समय सीमा में उन्हें उपलब्ध करवा दिए गए.
अपने बयान में उन्होंने कहा कि हमसे यह मांगा गया था कि पिछले एक साल के अंदर विभाग की ओर से कितने गेट पास कटे और कितनी मूवमेंट हुई. यह एसईटी की जांच के दायरे में नहीं आता. फिर भी हमने जांच अधिकारी को कहा है कि यह तय समय सीमा में दिया जा सकने वाला डाटा नहीं है. एसईटी के प्रिव्यू में जो प्रासंगिक होगा, वही डाटा दिया जाएगा.
मीडिया के साथ विशेष बातचीत में दुष्यंत ने कहा कि पूर्व विधायक सतविंद्र राणा एसईटी की जांच का हिस्सा नहीं हैं. राणा को 2016 के एक मामले में पकड़ा गया था. उस समय चेारी हुई थी, उसमें कोई गिरफ्तार हुआ था. उसके बयान के बाद राणा को पकड़ा गया. बाद में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया. एसईटी का जो जांच का दायरा है, उसके अंदर सतविंद्र राणा का कोई लेना देना नहीं.उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर चाहे कोई कुछ भी कयास लगाए, लेकिन मेरी गृह मंत्री अनिल विज से कोई तकरार नहीं है. न ही मेरा और विज का एसईटी में कुछ रोल है. एसईटी का गठन मुख्यमंत्री ने किया है. दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी रखे गए हैं. एक एसीएस लगाया गया. उसके बाद जांच शुरू हुई.