शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में देश की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को समर्पित करते हुए एक लेख लिखा है. शिवसेना ने लिखा है की, ‘देश की संसद में धारा 370 पर जब चर्चा चल रही थी और इस देश विरोधी धारा को खत्म करने का कार्य हो रहा था तब सुषमा स्वराज ने अंतिम सांस ली. राजनीति, प्रशासन और सार्वजनिक जीवन में आस्था रखने वाले हर मनुष्य को सुषमा स्वराज के जीवन और तपस्या से प्रेरणा लेनी चाहिए. सुषमा स्वराज केवल नेता नहीं थीं. बल्कि देश की राजनीति का एक चमकता सितारा थीं.’

सामना में लिखा है, ‘लोकसभा में धारा 370 खत्म होने पर मोहर लगते ही सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. ”पूरे जीवन मैं इसी दिन की प्रतीक्षा कर रही थीं कि जम्मू-कश्मीर सही अर्थों में स्वतंत्र हो जाए. जैसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू कश्मीर के लिए बलिदान दिया, सुषमा स्वराज ने भी पूरे राजनीतिक जीवन में धारा 370 हटाने के लिए संघर्ष किया और इस स्वप्न के पूरे होते ही श्यामा प्रसाद मुखर्जी से मुलाकात करने के लिए वे स्वर्ग की तरफ बढ़ गई.’
शिवसेना ने आगे लिखा है की, ‘त्याग, संघर्ष और संयम का मेल मतलब सुषमा स्वराज. अपने पूरे जीवन उन्होंने इन्हीं तीन सूत्रों को संभालकर रखा. मृत्यु किसी को बताकर नहीं आती, यह सत्य है. किन्तु जो सपना राष्ट्र के संदर्भ में सुषमा ने देखा उसके पूरा होने तक मृत्यु उनके लिए रुकी रही. देश की सियासत का एक गौरवशाली अध्याय खत्म होने की वेदना प्रधानमंत्री मोदी ने जाहिर की. पूरे देश की यही भावना है. विश्वास और नेकी का दूसरा नाम यानी सुषमा स्वराज.’
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