जब से विराट कोहली को भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम की कप्तानी सौंपी गई तब से इस आक्रामक खिलाड़ी ने नई भूमिका को बखूबी निभाया. उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को लगातार छह टेस्ट सीरीज में जीत दिलाई, टेस्ट में नंबर एक टीम बनाया और 19 टेस्ट मैचों तक टीम इंडिया अपराजेय रही. टेस्ट टीम की कप्तानी संभालने के बाद विराट कोहली का क्रिकेट के इस फॉर्मेट में प्रदर्शन भी लाजवाब रहा. ये सफलता का दौर पूरी तरह से कोहली का था.
एक रिकॉर्ड से चूके विराट
पुणे टेस्ट मैच में स्टीव स्मिथ की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत को 333 रनों से हरा दिया और विराट कोहली की कप्तानी में भारत की यह अब तक की सबसे बड़ी हार थी. आने वाले समय में विराट भले ही भारत के सफलतम टेस्ट कप्तान बन जाएं लेकिन वो बतौर कप्तान धोनी के इस रिकॉर्ड की बराबरी कभी नहीं कर पाएंगे. पुणे में हार के बाद उनके हाथ से यह मौका निकल गया.
होमग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया से नहीं हारे धोनी
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होम सीरीज में कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा. भारत ने उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होमग्राउंड पर खेले गए 8 टेस्ट मैचों में जीत दर्ज की और एक भी मैच नहीं हारा. भारत में ऑस्ट्रेलिया को 2008-09 और 2010-11 में खेली गई चार टेस्ट मैचों की होम सीरीज में 2-0 के अंतर से हराया.
साल 2012-13 में भारत दौरे पर आई कंगारू टीम को टेस्ट सीरीज में 4-0 से हार का सामना करना पड़ा था. इसी सीरीज में धोनी ने टेस्ट मैचों में अपना इकलौता दोहरा शतक जड़ा. ऑस्ट्रेलिया के साथ जारी टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में हार के साथ ही विराट कोहली अब धोनी के इस रिकॉर्ड को कभी नहीं तोड़ पाएंगे.
पुणे में खेले गए मुकाबले में भारतीय टीम स्पिनरों की मददगार पिच पर पूरी तरह ढेर हो गई और ऑस्ट्रेलिया के युवा स्पिनर स्टीव ओ’कीफ ने मैच में कुल 12 विकेट लेकर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया. टीम इंडिया ने पहली पारी में 105 तो दूसरी पारी में 107 रन ही बना सकी. भारत को ऑस्ट्रेलिया ने 333 रनों से हराकर चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली. टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला 4 मार्च से बेंगलुरू में होना है