कोरोना वायरस संक्रमण में भी उत्तर प्रदेश विधानमंडल की कार्यवाही जारी है। मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के हंगामे के बीच में भी योगी आदित्यनाथ सरकार सदन में अपनी बात रख रही है।
समाजवादी पार्टी के बाद अब कांग्रेस के नेता हंगामा करने में लगे हैं। आज विधानभवन प्रांगण में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास कांग्रेस के विधायकों के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू धरना पर बैठे। उनके साथ कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता अराधाना मिश्रा ने भी जोरदार विरोध किया।
मानसून सत्र के तीसरे दिन शनिवार को विधानसभा के साथ विधान परिषद की कार्यवाही भी चलेगी। इस दौरान प्रश्नकाल नहीं होगा। सत्तापक्ष का आज विधानसभा में भी विधेयक को पास कराने पर जोर रहेगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि विधानसभा में हमने शुक्रवार को बताया था कि हमने सारी कार्यसूची शनिवार के लिए हस्तांतरित कर दी है। विधान भवन में हम सोमवार के काम भी शनिवार यानी आज पूरा करने की कोशिश करेंगे। हमारी पूरी कोशिश होगी की अध्यादेशों और कुछ विधेयक हैं, उनको पारित करने की कार्यसूची पूरी कर लें।
इससे पहले मानसून सत्र मेें दूसरे दिन भी शोक के कारण शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। गुरुवार देर रात भाजपा के जन्मेजय सिंह का हार्ट अटैक से निधन हो गया था। शुक्रवार को सदन मेंं मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने शोक प्रस्ताव रखते हुए दो बार के विधायक जन्मेजय सिंह के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। उनके सहज व सरल व्यक्तित्व के बारे में जानकारी देते हुए सर्वप्रिय नेता बताया। अन्य दलनेताओं ने भी जन्मेजय सिंह को याद किया और अपने दल की ओर से संवेदना व्यक्त की। इसके बाद सदन ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अॢपत की।
विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने निधन पर दुख जताते हुए सदन की कार्यवाही को शनिवार प्रात: 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। सदन की कार्यवाही आरंभ होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष दीक्षित ने सर्वदलीय बैठक आहूत कर लगातार दो दिन शोक में कार्यवाही स्थगित होने व कोरोना का प्रकोप बढऩे पर चर्चा की। इस बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया कि शनिवार को अवकाश होने के बावजूद सदन आहूत किया जाए और शुक्रवार का एजेंडा शनिवार को प्रस्तुत किया जाए। शनिवार को आमतौर पर बैठक नहीं होती है, लेकिन विशेष परिस्थिति में ही ऐसा किया जा रहा है। ऐसे में शनिवार को प्रश्नकाल नहीं होगा, पर सभी विधायी कार्य होंगे।
गरीब सवर्णों को आरक्षण का विधेयक विधान परिषद से पारित
गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण देने के लिए बीते बजट सत्र में विधान सभा से पारित उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आॢथक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक, 2020 को सरकार विधान परिषद में प्रमुख विपक्षी दल समाजवाद पार्टी के विरोध के बावजूद पारित कराने में कामयाब रही। इसके अलावा सरकार की ओर से 17 अध्यादेश सदन में पेश किए गए।
अध्यादेश जो प्रस्तुत हैं
– उप्र लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश, 2020।
– उप्र मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध) (संशोधन) अध्यादेश, 2020।
– उप्र मूल्य संवॢधत कर (संशोधन) अध्यादेश, 2020।
– उप्र माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2020।
– उप्र माल और सेवा कर (तृतीय संशोधन) अध्यादेश, 2020।
– उप्र विशेष सुरक्षा बल अध्यादेश, 2020।
– उप्र स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश, 2020।
– उप्र राज्य विधान मंडल (सदस्यों की उपलब्धियां और पेंशन) (संशोधन) अध्यादेश, 2020।
– उप्र आकस्मिकता निधि (संशोधन) अध्यादेश, 2020।
– उप्र राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध (संशोधन) अध्यादेश, 2020।
– उप्र राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2020।
– उप्र लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश, 2020।
– उप्र औद्योगिक क्षेत्र विकास (संशोधन) अध्यादेश, 2020।
– उप्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज अध्यादेश, 2020।
– उप्र गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020।
– उप्र गन्ना (पूॢत तथा खरीद विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश, 2020।
– उप्र कृषि उत्पादन मंडी (संशोधन) अध्यादेश, 2020।
विधान परिषद में नहीं होगा प्रश्नकाल
विधान परिषद की कार्य परामर्शदात्री समिति की बैठक में शुक्रवार को आज भी कार्यवाही जारी रखने पर फैसला किया गया है। इस दौरान प्रश्नकाल नहीं होगा। देवरिया सदर के विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण शुक्रवार को विधानसभा शोक व्यक्त करने के बाद स्थगित कर दी गई। विधानसभा का शुक्रवार का एजेंडा अब शनिवार को निपटाया जाएगा। परिषद की बैठक आज बुलाये जाने को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
विपक्ष के हंगामे से स्थगित रहा प्रश्नकाल
विधान परिषद में शुक्रवार को विपक्ष के हंगामे के कारण प्रश्नकाल स्थगित रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा के नरेश चंद्र उत्तम ने प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था, ब्राह्मणों की हत्या व उत्पीडऩ, बाढ़ की बिगड़ती स्थिति और कोरोना संक्रमण के बेकाबू होते हालात पर सदन की कार्यवाही रोक कर चर्चा कराने की मांग की।इसी बीच सपा के सदस्यों ने सभापति के आसन के सामने आकर सरकार के विरोध में नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। सभापति रमेश यादव के समझाने पर भी सपा सदस्य शांत नहीं हुए और नारेबाजी जारी रही। इस पर सभापति ने सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद सदन के स्थगन की अवधि को दो बार 20-20 मिनट के लिए बढ़ाया गया, जिससे प्रश्नकाल न हो सका।