वाराणसी जाएं तो इन जगहों पर जाना ना भूलें, इनके बिना आपकी यात्रा का मजा अधूरा ही रह जाएगा.
अगर आप घूमने-फिरने के शौकीन हैं तो आपकी लिस्ट में वाराणसी जरूर होगा. देश की सबसे प्राचीन नगरी के रूप में विख्यात वाराणसी में पर्यटकों को बिल्कुल अनोखा अनुभव मिलता है. बनारस की संकरी गलियों में घूमना हो या फिर घाट किनारे का नजारा, ये सब यादगार पल बन जाते हैं. अगर आप वाराणसी जाएं तो इन जगहों को जरूर शामिल करें.
मंदिर-
वाराणसी काशी के नाम से भी विख्यात है. यहां के हर सड़क और गली में आपको एक मंदिर जरूर मिल जाएगा. हालांकि, गंगा के घाट किनारे कुछ मंदिर ऐसे हैं जिनका ऐतिहासिक और बनावट के लिहाज से खास महत्व रहा है. यहां आकर हर कोई सबसे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने जरूर पहुंचता है. यह मंदिर शिव को समर्पित हैं. इस मंदिर की छत पर सोना मढ़ा हुआ है. दुर्गा मंदिर और संकट मोचन मंदिर भी जरूर जाएं.
घाट-
वाराणसी को अगर घाटों का शहर कहें तो कुछ गलत नहीं होगा. यहां कुल 84 घाट हैं. श्रद्धालु यहां गंगा के पवित्र जलों में डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना करते हैं. इन घाटों पर बैठने के बाद आप अलग ही दुनिया में चले जाते हैं. मन की सारी उथल-पुथल यहां आने के बाद शांत हो जाती है. सुबह-सुबह बोटराइडिंग का भी मजा ले सकते हैं. दशाश्वमेध घाट की आरती का अनुभव भी खाय होता है. इसके अलावा अस्सी घाट और मणिकर्णिका घाट भी मशहूर हैं.
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सारनाथ-
अगर आप भीड़भाड़ से दूर जाना चाहते हैं और सुकून के कुछ पल बिताना चाहते हैं तो आप सारनाथ जा सकते हैं. वाराणसी से 10 किमी की दूरी पर स्थित सारनाथ बौद्धों का तीर्थस्थल है. यहीं पर भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना पहला उपदेश दिया था. इसके आस-पास कई खूबसूरत स्तूप और मंदिर हैं.
रामनगर फोर्ट-
मुगल स्थापत्य में बनाया गए रामनगर किला से गंगा नदी और घाट का खूबसरूत नजारा देखने को मिलता है. 1750 में राजा बलवंत सिंह ने इसका निर्माण करवाया था. दशहरा के दौरान इस किले को खूब सजाया जाता है और रामलीला का आयोजन भी किया जाता है. यह शहर से 14 किमी की दूरी पर है.