दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही रुचि सोया के अधिग्रहण के लिए बाबा रामदेव ने 5700 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, लेकिन अब कारोबारी गौतम अडानी ने उन्हें पीछे छोड़ दिया है.
अडानी समूह ने रुचि सोया का अधिग्रहण करने के लिए 6000 करोड़ रुपये की पेशकश की है. कंपनी को खरीदने के लिए की गई यह पेशकश अब तक की सबसे ज्यादा है.
रुचि सोया के अधिग्रहण की प्रक्रिया स्विस चैलेंज विधि के तहत हो रही है. इस विधि के तहत पतंजलि के पास अभी मौका है कि वह अपना नया और संशोधित ऑफर पेश करे. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल बैंक और रेजोल्यूशन प्रोफेशनल्स हितों के टकराव का समाधान करने में जुटे हुए हैं.
गौतम अडानी और सिंगापुर की विलमर कंपनी के ज्वाइंट वेंचर अडानी विलमर ने रुचि सोया के 4300 करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाने और कंपनी को नये सिरे से शुरू करने के लिए 1,174 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव दिया है.
वहीं दूसरी तरफ, बाबा रामदेव के पतंजलि ने 4,065 करोड़ रुपये का लोन चुकाने और 1700 करोड़ रुपये इक्विटी में निवेश करने का ऑफर पेश किया है.
ईटी ने इस डील से जुड़े कुछ लोगों के हवाले से लिखा है कि दोनों पार्टियों को नया ऑफर पेश करने का मौका मिलेगा. इसके जरिये रुचि सोया की नीलामी ज्यादा से ज्यादा कीमत पर हो सके, यह कोशिश की जाएगी.
रुचि सोया उन 40 कंपनियों में से एक है, जिनके खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक ने दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश बैंकों को दिया है. रुचि सोया के पास एसबीआई का सबसे ज्यादा 1822 करोड़ रुपये फंसा हुआ है.
इसके बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 824 करोड़ है. इनके अलावा स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक का 607 करोड़ और डीबीएस बैंक का 242 करोड़ रुपये फंसा है.