राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद आज वायनाद में कांग्रेस कमेटी ब्लैक डे मनाएगी। राहुल गांधी केरल के वायनाड के सांसद थे। सदस्यता जाने के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस के बीच की राजनीति गरमा गई है।
लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के विरोध में वायनाड जिला कांग्रेस कमेटी के प्रमुख एनडी अप्पाचन ने कहा कि पार्टी शनिवार को ब्लैक डे मनाएगी। राहुल गांधी केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से सांसद थे। इससे पहले, केरल में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई जल्दबाजी और राजनीति से प्रेरित थी।
‘जल्दबाजी में लिया गया फैसला’
एलओपी ने कहा, “राहुल गांधी को लोकसभा में सांसद पद से अयोग्य ठहराने का आदेश जल्दबाजी और राजनीति से प्रेरित था। कांग्रेस राजनीतिक और कानूनी रूप से लोकसभा सचिवालय की कार्रवाई का सामना करेगी।”
सतीशन ने कहा, “सूरत की अदालत का फैसला अंतिम नहीं है। कांग्रेस लोकतंत्र और कानून के शासन में विश्वास करती है। देश में एक कानूनी व्यवस्था है, जो सुप्रीम कोर्ट तक फैली हुई है। राहुल गांधी कानूनी रास्ते से वापस आएंगे, इससे न राहुल को चुप कराया जा सकता है और न ही कांग्रेस को। हम अब भी लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिए आवाज उठाएंगे।”
2019 के मामले में मिली सजा
बीते शुक्रवार को गांधी को उनकी ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा मिलने के बाद लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। दरअसल, सूरत कोर्ट द्वारा गुरुवार को राहुल गांधी को कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान 2019 में की गई उनकी ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी पर मानहानि के मामले में दो साल के कैद की सजा सुनाई गई है।
चुनावी रैली के दौरान दी थी टिप्पणी
राहुल गांधी ने अप्रैल 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक लोकसभा चुनाव रैली में को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है। जिसके बाद सूरत वेस्ट से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज करा दिया था।
भाजपा और कांग्रेस में छिड़ेगी बहस
लोकसभा से की अयोग्यता घोषित होने के बाद से ही भाजपा और कांग्रेस में तीखी बहस छिड़ी हुई है। भाजपा की ओर से कहा गया कि कांग्रेस नेता “आदतन ढीले तोप” थे और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उन्हें “जानबूझकर अयोग्य” बनाया गया था। लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के बाद विपक्षी नेताओं ने सरकार की आलोचना की और कांग्रेस ने कहा कि वह इस मुद्दे पर एक जन आंदोलन शुरू करेगी।