कांग्रेस अध्यक्ष इन दिनों चुनाव प्रचार के लिए नए मुद्दे तलाश रहे हैं, इसी कड़ी में वे अब डोकलाम की यात्रा करने जा रहे हैं, शायद यही सोचकर कि उन्हें वहां से केंद्र के खिलाफ कोई मुद्दा मिल जाए. राहुल गांधी विदेश मंत्रालय की संसदीय समिति के सदस्य भी हैं, इसलिए वे डोकलाम इलाके का जायज़ा ले सकते हैं, जबकि आम नागरिकों को इस प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने की मनाही हैं. राहुल गाँधी अपने इस दौरे पर सिक्कम और अरुणाचल समेत उन इलाकों का दौरा करेंगे, जहां से डोकलाम का इलाका काफी करीब है.
यहाँ उनके साथ विदेश मंत्रालय की संसदीय समिति भी जा रही हैं, जिसकी अध्यक्षता शशि थरूर कर रहे हैं. बताया जा रहा हैं कि यह दौरा इसी महीने हो सकता है और दूरवर्ती इलाकों का जायज़ा लेने के लिए हेलीकाप्टर का प्रयोग भी किया जा सकता है. इस दौरे पर राहुल पिछले साल जून में चीन के साथ हुई तनातनी और उसके बाद आज के हालात को लेकर सेना के अधिकारियों से भी कुछ जानकारी लेंगे. गौरतलब है कि 16 जून 2017 को भारत-भूटान और चीन की सीमा के बीच स्थित डोकलाम इलाके में चीनी सेना को सड़क बनाने से भारतीय सेना ने रोक दिया था. उसके बाद वहां 73 दिनों तक दोनों ही देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी रही थीं.
हालांकि इसके बाद चीनी सेना को अपना रास्ता त्यागना पड़ा था, जिसके बाद भारतीय सेना के इस कदम और उस वक्त मोदी सरकारी के कड़े तेवर को लेकर देश-विदेश में काफी चर्चा हुई थी. चीन के सामने आंख से आंख मिलाकर बात करने की मोदी सरकार की रणनीति और उसके बाद कूटनीति को लेकर देश के भीतर भी काफी तारीफ हुई थी. अभी भी पीएम मोदी के चीन दौरे के बाद भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैन्य अधिकारीयों में सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए मीटिंग की है.