रामविलास पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) दो हिस्सों में बंट चुकी है। एक हिस्से के नेता चाचा पशुपति कुमार पारस हैं तो दूसरा धड़ा चिराग पासवान के साथ है। चुनाव आयोग ने पार्टी के चुनाव चिन्ह तक को फ्रीज कर दिया था। मगर अबतक स्वर्गीय रामविलास पासवान की पत्नी रीना ने कुछ नहीं बोला था।

मीडिया से बात करते हुए पहली बार रीना ने कहा कि मंत्री बनने के लिए पशुपति कुमार पारस ने पार्टी को तोड़ दिया। 44 साल तक परिवार के साथ रहने के बाद अब मुझे पति के साथ मेरे क्या संबंध थे ये बताना पड़ रहा है। साथ ही उन्होंने बेटे चिराग की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मैं बेटे के दोस्त को हमेशा उसके साथ रहने को कहती हूं।
मंत्री बनने के लिए तोड़ी पार्टी
रीना ने बताया कि दिवंगत रामविलास मुझे मंत्री बनाना चाहते थे लेकिन मैं राजनीति में नहीं आना चाहती थी। पति ने मुझे हाजीपुर से चुनाव लड़ने को कहा था। उन्होंने मुझे मनाने की काफी कोशिश की मगर मैं नहीं मानी। इसके बाद इस सीट से पशुपति पारस ने चुनाव लड़ा और जीता। पारस के मन में अगर केंद्र में मंत्री बनने की महत्वकांक्षा थी तो उन्हें बताना चाहिए था। इसके लिए रातों-रात पार्टी तोड़ने की कोई जरूरत नहीं थी।
दूरी बनानी कर दी थी शुरू
रीना पासवान ने कहा कि जब रामविलास अस्पताल में थे तभी से पारस ने हमसे दूरी बनानी शुरू कर दी थी। अस्पताल से रामविलास ने उनसे पार्टी और परिवार के खिलाफ इधर-उधर बोलने का कारण पूछा था। मेरे पति जानना चाहते थे कि पारस के मन में क्या चल रहा है। पति के निधन के बाद उन्होंने हमारे फोन तक नहीं उठाए। मैंने अपनी देवरानी से भी बात करने की बहुत कोशिश की लेकिन उन्होंने भी हमसे संपर्क करना ठीक नहीं समझा।
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