राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने शनिवार को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में फिर से आम लोगों से मेल-मुलाकात की और अब सरकार सोमवार के बकरीद त्योहार के लिए वर्तमान सुरक्षा तंत्र पर विश्वास करने की तैयारी में हैं. निजी तौर पर डोभाल के लिए और सामूहिक रूप से सरकार के लिए बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है.
सूबे में इंटरनेट बंदी लागू कर और स्थानीय लोगों का पाकिस्तान से संपर्क तोड़ कर सरकार ने एक बड़ी राजनीतिक और कूटनीतिक सफलता हासिल की है. डोभाल खुद जमीनी स्तर पर स्थानीय लोगों से वार्ता कर उन्हें समझते दिखाई दिए कि उनका एकमात्र विकल्प भारत और उसका विकास मॉडल ही है. कट्टरपंथी इस्लामी वहाबी सलाफिज्म जो युवाओं को सियासी जेहाद की आड़ में भड़काता है, भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता है.
इसी बात को देखते हुए कि पुलवामा हमला एक स्थानीय फिदायीन द्वारा किया गया था, भारत काफी चौकन्ना रहकर कदम बढ़ा रहा है. हालांकि, सभी बड़े राष्ट्र भारत के साथ हैं और उन्होंने इसे भारत का आंतरिक मामला करार दिया है, किन्तु भाजपा की असली सफलता तब होगी, जब प्रदेश में बंदी समाप्त होने के बाद सामान्य हालात बना रहे. डोभाल इस पूरी प्रक्रिया में एक अहम् भूमिका में नज़र आ रहे हैं. लेकिन केवल सोमवार के ईद त्योहार पर ही केंद्र सरकार की परीक्षा नहीं होगी, बल्कि पूरा हफ्ता मुश्किल भरा हो सकता है.