लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि वह उत्तर प्रदेश का अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। अखिलेश यादव आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद हैं। हालांकि इस बयान के बाद में पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि अखिलेश यादव इस बार चुनव लड़ेंगे या नहीं, यह पार्टी अभी तय करेगी। उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था।
आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव ने कहा है कि वह छोटी पार्टियों से गठबंधन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव के लिए उनकी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के बीच गठबंधन के बाद सीटों पर अंतिम चरण में बातचीत चल रही है। चुनाव में चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया को साथ लेने की संभावना पर कहा कि मुझे इसमें कोई समस्या नहीं है। उन्हें और उनके लोगों को उचित सम्मान दिया जाएगा।
दरअसल, अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर अपना पूरा ध्यान रखना चाहते हैं। शायद यही वजह है कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। हालांकि बाद में पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि अखिलेश यादव इस बार चुनव लड़ेंगे या नहीं, यह पार्टी अभी तय करेगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि वह अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव के लिए उनकी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के बीच गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि रालोद के साथ हमारा गठबंधन अंतिम है। सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाना है।
सपा चीफ अखिलेश यादव इन दिनों समाजवादी विजय रथ यात्रा पर हैं। उनके निशाने पर मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ही हैं। रविवार को हरदोई में जनसभा के दौरान उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर हमला किया। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस को एक जैसा बताया। कहा कि ईडी और सीबीआइ जांच कराने की आदत कांग्रेस की रही और उसी रास्ते पर भाजपा भी चल रही है। कहा कि भाजपा जो दावा करती है कि सरदार पटेल के रास्ते पर चल रहे हैं, लेकिन आज सबसे ज्यादा किसान दुखी हैं। किसानों की आय दोगुनी नहीं हो सकी, जिस तरीके से सरकार चल रही है, सब अपमानित हो रहे हैं, कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। उन्होंने यूपी कांग्रेस के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस आईना क्या दिखाएगी।