हिंदू मान्यताओं के अनुसार, तुलसी के पौधे का बहुत महत्व है। तुलसी को लक्ष्मी जी का स्वरूप माना गया है इसलिए ये पूजनीय है। यह आपको लगभग हर घर में देखने को मिल जाएगी। कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। साथ ही इससे नकारात्मक ऊर्जा भी घर से कोसों दूर रहती है।

क्या हैं तुलसी पूजन के नियम
वास्तु शास्त्र में तुलसी के पूजन से संबंधित कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों के अनुसार बिना स्नान किए तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। साथ ही तुलसी में जल चढ़ाने से पहले कुछ खाना नहीं चाहिए। जल चढ़ाते समय कोई ऐसा कपड़ा पहने जिसपर कोई सिलाई न की गई हो।
किस मंत्र का जाप करना चाहिए
तुलसी में जल चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करना बहुत लाभदायक है। इस मंत्र का जाप 11 या 21 बार करना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है। ‘ॐ सुभद्राय नम:’
जल अर्पित करने के क्या हैं नियम
तुलसी में कभी भी रविवार के दिन जल नहीं चढ़ाना चाहिए और न ही इस दिन तुलसी के पत्ते उतारने चाहिए। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि तुलसी माता इस दिन विश्राम करती हैं। कभी भी तुलसी में बहुत अधिक जल न डालें। तुलसी माता को जल हमेशा सूर्योदय से पहले अर्पित करना चाहिए। एकादशी के दिन भी जल नहीं अर्पित न करें, क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, इस दिन तुलसी महारानी विष्णु जी के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
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