उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर ने इस साल दान प्राप्त करने के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं। मंदिर प्रशासन के अनुसार इस वर्ष रिकॉर्ड 81 करोड़ का दान मिला है। दानपेटी, दान रसीद और लड्डू प्रसाद के साथ ही मंदिर की धर्मशाला से प्राप्त हुआ है। इस बार मिला दान पिछले साल के मुकाबले डबल बताया जा रहा है। यह महाकालेश्वर मंदिर का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बताया जा रहा है।
मध्यप्रदेश के उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए हर रोज देश विदेश से हजारों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं। देश के हर राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आकर दर्शन लाभ लेते हैं। भगवान महाकाल के प्रति आस्था श्रद्धा के कारण ही श्रद्धालू उद्योगपति हो या मजदूर अपनी हैसियत के मुताबिक भगवान के चरणों में दान अर्पित करते हैं। मंदिर में दान भेंट पेटी में नगद राशि, दान के लिए दिए चेक, ऑनलाइन भुगतान, पूजन अभिषेक की रसीद से, बाबा महाकाल के लड्डू प्रसाद और मंदिर की धर्मशाला में ठहर कर श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का खजाना भरा है।
अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड
1 सितंबर 2021 से लेकर 1 सितंबर 2022 तक एक वर्ष के दौरान महाकाल मंदिर में 81 करोड़ से अधिक का दान आया है। इतनी बड़ी राशि दान आने का यह अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड माना जा रहा है। महाकाल मंदिर ने दान राशि में दान पेटी, दान रसीद और लड्डू प्रसाद के साथ ही मंदिर की धर्मशाला से प्राप्त आय शामिल की है।
बाबा महाकाल का दरबार लाखों श्रद्धालुओं की श्रद्धा-भक्ति, प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में सबसे बड़े कॉरिडोर और प्रतिवर्ष करोड़ों की आय वाले मंदिरों में शुमार है। उज्जैन के महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं ने इस वर्ष दिल खोल कर दान किया और महाकाल मंदिर को रिकॉर्ड तोड़ आय मिली है। इस एक वर्ष में 81 करोड़ के करीब दान मंदिर समिति को मिला है।
लॉकडाउन में कम हुई थी आय
लॉक डाउन के समय मंदिर बंद था इसलिए मंदिर में दान की आय नहीं हुई थी लॉक डाउन जैसे ही हटा मंदिरों में श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर दान किया। 1 सितम्बर, 2021 से 15 सितम्बर, 2022 तक दान से 53 करोड़ 30 लाख 43 हज़ार 4 सो इक्यान्नबे रूपए की आय हुई है। वहीं लड्डू प्रशाद से 27 करोड़ 25 लाख 2 हज़ार सत्तर रूपए की आय हुई और धर्मशाला से 45 लाख 25 हज़ार 4 सौ पैंतालीस रूपए की आय हुई है। यह आय पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी है।
कोरोना संक्रमण प्रतिबन्ध हटने के बाद रिकॉर्ड तोड़ हुई आय
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में वर्ष भर भीड़ रहती है। बीते दो वर्ष कोरोना के कारण महाकाल मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया था। जैसे ही लॉक डाउन हटा और प्रतिबंध समाप्त होने के बाद तो पर्व, त्योहारों के साथ ही सामान्य दिनों में ही महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने लगी श्रद्धालुओं की श्रद्धा ने बाबा महाकाल के खजाने को पिछले वर्षो की तुलना में दोगुना भर दिया है। महाकाल मंदिर में 1 सितंबर 2021 से 15 सितंबर 2022 के दौरान एक वर्ष 14 दिन में यह दान राशि मंदिर के अलग अलग तरीके से मंदिर के खजाने में जमा हुई बड़ी आय जो अब तक का एक बड़ा रिकॉर्ड माना जा रहा है।
इस साल दर्शन करने में आई परेशानी
मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया की मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों की दर्शन व्यवस्था के लिए पिछले एक वर्ष के दौरान कठिनाई भी सामने आई। कारण था कि मंदिर विस्तारीकरण का कार्य शुरू हो चुका था। ऐसे में उपलब्ध व्यवस्था के तहत ही आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन लाभ दिलाया गया। भगवान महाकाल की श्रद्धा-भक्ति में रचे बसे भक्तों ने दान के माध्यम से रिकॉर्ड बना दिया। हमने केवल प्रयास किए यह सब बाबा महाकाल का चमत्कार है।