नई दिल्ली: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला का अंतिम मुकाबला कोरोना के कारण रद्द हो गया। गत वर्ष सितंबर में BCCI ने कोरोना के बीच UAE में IPL का सफल आयोजन किया था। इससे विश्व के अन्य देशों को यह संदेश मिला कि बेहतर प्रबंधन और बायो-बबल तैयार कर कोरोना के बीच क्रिकेट खेला जा सकता है। इसके बाद तीन बार बायो-बबल ब्रेक हो चुका है। आखिर हर बार ऐसा क्या हो रहा है? UAE में किन-किन प्रोटोकॉल का पालन किया गया और उसके बाद कहां चूक हुई? दरअसल, BCCI ने बायो-बबल तैयार करने का जिम्मा UK की कंपनी को सौंपा था। कंपनी ने रिस्ट वॉच का सहारा लिया था।

प्रत्येक खिलाड़ी को होटल रूम से निकलने के दौरान रिस्ट वॉच पहननी होती थी। इस वॉच के माध्यम से खिलाड़ी की निगरानी रखी जाती थी। यदि वह बायो-बबल के बाहर जाता था, तो इसके संकेत नियंत्रण कक्ष को मिल जाते थे। इसके साथ ही इससे यह भी पता चलता था कि उसके संपर्क में कौन-कौन लोग आए हैं। खिलाड़ियों को हर दिन हेल्थ अपडेट देना होता था। इसमें खिलाड़ियों को प्रतिदिन सुबह ऐप पर पूरी डिटेल्स देनी होती थी। इस साल मार्च-अप्रैल में खेले गए IPL के 14वें सीजन को 29 मैचों के बाद प्लेयर्स और कोच के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद बीच में रोक दिया गया। IPL के दौरान 4 खिलाड़ी और दो कोच पॉजिटिव पाए गए थे।
सबसे पहले कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के दो प्लेयर्स वरुण चक्रवर्ती और संदीप वॉरियर और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बॉलिंग कोच एल बालाजी कोरोना संक्रमित पाए गए। उसके बाद सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के ऋद्धिमान साहा और दिल्ली कैपिटल्स (DC) के अमित मिश्रा भी पॉजिटिव हो गए। जिसके बाद IPL को स्थगित करना पड़ा। दरअसल, भारत में हो रहे IPL के दौरान प्लेयर्स को ट्रैकिंग डिवाइस चेन्नई की कंपनी ने दी थी। ये डिवाइस खराब निकली। इस कारण खिलाड़ियों की ट्रैकिंग नहीं हो सकी। इसकी शिकायत फ्रेंचाइजी ने बोर्ड से भी की थी। एक टीम के अधिकारी ने कहा था कि वे एक शहर से दूसरे शहर चले गए, मगर जब डिवाइस का डेटा आया, तो उसमें पिछले शहर की जानकारी थी।
भारत में हुए IPL में बायो-बबल के फेल होने के कारणों में एक कारण कोरोना ऑफिसर की कार्यप्रणाली भी रही। UAE में पहली बार बायो-बबल में हुए IPL के दौरान प्रत्येक टीम के साथ 1 कोरोना अधिकारी नियुक्त किया गया था, मगर भारत में हुए IPL के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के लिए चार-चार कोरोना ऑफिसर बनाए गए थे। इसके बाद भी वो बोर्ड को सही रिपोर्ट प्रोवाइड नहीं कर सके। इसके चलते कोरोना संक्रमण को वक़्त रहते नहीं रोका जा सका। होटल में बायो-बबल तैयार करने में भी कोताही बरती गई। होटल में खिलाड़ियों की एंट्री से पहले होटल कर्मचारियों को पहले से क्वारंटाइन नहीं किया गया। बल्कि जब कई टीमों के खिलाड़ी जब क्वारंटाइन थे, उस समय होटल कर्मचारी भी क्वारंटाइन रहे।
इंग्लैंड दौरे पर पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के बीच में चीफ कोच रवि शास्त्री, बॉलिंग कोच भरत अरुण, फील्डिंग कोच आर श्रीधर, फिजियो नितिन पटेल, योगेश परमार पॉजिटिव पाए गए। इसकी वजह से अंतिम टेस्ट को निरस्त करना पड़ा। वहीं श्रृंखला आरंभ होने से पहले ऋषभ पंत भी पॉजिटिव हो गए थे। इस दौरे में भी कोरोना प्रोटोकॉल का ठीक से पालन नहीं करने की बात आई थी। श्रृंखला शुरू होने से पहले कई खिलाड़ी बगैर मास्क के यूरो कप फाइनल और विंबल्डन के मैच देखने गए थे। वहीं, होटल में भी बायो-बबल तैयार नहीं किया गया। श्रृंखला के बीच टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री और टीम कैप्टन विराट कोहली बुक लॉन्च इवेंट में शामिल हुए थे।
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