बिहार के अलग-अलग जिलों में भीषण ठंड के बीच श्रद्धालुओं ने पाप नाशनी गंगा गंडक व सरयू नदी में आस्था की डुबकी लगाई। स्नान के बाद बड़े-बुजुर्ग के हाथों तिल-चावल और गुड़ का प्रसाद ग्रहण किया। फिर दही-चूड़ा के साथ लाई मुरलाई और तिलवा का लुत्फ उठाया।
सूर्य के दक्षिणायण से उत्तरायण होने पर रविवार को मकर संक्रांति (खिचड़ी) का पर्व आस्था व श्रद्धा के साथ प्रदेश भर के जिलों में मनाया जा रहा है। भीषण ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं ने पाप नाशनी गंगा, गंडक व सरयू नदी में आस्था की डुबकी लगाई। नदियों के घाट पर हजारों की तादाद में पहुंचे श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सभी जगह एनडीआरएफ की टीम के साथ सुरक्षा कर्मियों की भी तैनात रही। वहीं, कई इलाकों में लोगों ने नजदीक के तालाब, पोखरा और चापाकल में ही मकर संक्रांति के अवसर पर स्नान किया।
स्नान के बाद बड़े-बुजुर्ग के हाथों तिल-चावल और गुड़ का प्रसाद ग्रहण किया। फिर मीठी धूप में बैठकर लोगों ने दही-चूड़ा का आनंद लिया और लाई, मुरलाई और तिलवा का भी लुत्फ उठाया। रात में नये चावल की खिचड़ी बनाकर खाने की परंपरा है। खिचड़ी के भोज में दोस्तों व अन्य रिश्तेदारों को भी लोग आमंत्रित करते हैं। खिचड़ी को लेकर शहर से लेकर गांव तक में उत्सवी माहौल है।
छपरा में जय गंगा मईया के जयघोष से गूंज उठे घाट
छपरा शहर के सोनारपट्टी घाट, धर्मनाथ मंदिर घाट, सीढ़ी घाट, डोरीगंज के तिवारी घाट, बंगाली बाबा घाट, रिविलगंज के गौतम ऋषि घाट, मांझी घाट के श्रीरामघाट पर स्नान करने के लिए महिला-पुरूषों की भीड़ उमड़ी। नदी के घाट हर-हर महादेव और जय गंगा मईया के जयघोष से गूंज उठा। सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भीष्म पितामह को मोक्ष मिला था। पंडित अनित शुक्ल ने बताया कि मकर संक्रांति को स्नान और दान करने पर उसका फल कई जन्मों तक मिलता है। इस लिए श्रद्धालु मकर संक्रांति पर दान-पुण्य करते हैं। कई लोगों ने तिल, गुड़, चूड़ा-दही, खिचड़ी आदि के साथ लकड़ी व अग्नि भी दान किया।
गोपालगंज में घाटों पर मुश्तैद दिखी NDRF की टीम
गोपालगंज में मकर संक्रांति को लेकर रविवार की सुबह डुमरिया घाट सहित अन्य जगहों पर श्रद्धालुओं ने गंडक नदी में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही पूजा-अर्चना किया। मकर संक्रांति को लेकर रविवार की सुबह करीब 5 बजे से ही महम्मदपुर थाना क्षेत्र के डुमरिया घाट पर स्नान करने के लिए महिलाओं के साथ पुरुष व बच्चे भी पहुंचे।
गंडक नदी के किनारे जिला प्रशासन के द्वारा तैनात एनडीआरएस टीम मुश्तैद दिखी। वहीं, यातायात व्यवस्था को लेकर पुलिस के जवान तैनात थे। इसके साथ ही थावे प्रखंड के इटवा पुल, सदर प्रखंड के मंगलपुर सहित अन्य नदी के किनारे लोग मकर संक्रांति के मौके पर स्नान करने के लिए पहुंचे।
दरभंगा में जीवछ एवं कमला नदियों के श्रद्धालुओं ने किया स्नान
भीषण ठंड के बावजूद मकर संक्रांति पर्व के अवसर दरभंगा के हजारों पुरुषों एवं महिलाओं ने रविवार को बेनीपुर के त्रिमुहानी घाट स्थित जीवछ और कमला नदियों के संगमधाम पर आस्था की डुबकी लगाई। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पंडितों को अन्न व वस्त्रदान किया। लोगों ने संगमधाम स्थित रामजानकी व कमला मैया के मंदिरों में पूजा अर्चना की।
कई श्रद्धालुओं ने संगमधाम के कमला व जीवछ नदी के किनारे ब्राह्मण एवं कन्याओं को भोजन भी करवाया। क्षेत्र के चौगमा,मझौरा, नवादा, महिनाम, पोहदी, हाबीभौआर, बहेडा,जरिसो, बलनी, डखराम, तरौनी, शिवराम, कंथुडीह, धेरुख आदि गांवों में लोगों ने अन्न एवं वस्त्र का दान किया। मकरसंक्रांति को लेकर कई गावों के मंदिरों में कीर्तन भजन का आयोजन किया गया है।
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