एजेंसी/ उज्जैन : प्रभुजी आपके बिना तो मां शिप्रा का तट सूना हो जाएगा। यह नगरी संतों और साधुओं के दर्शन के लिए अब फिर 12 वर्ष का इंतजार करेगी। लाखों करोड़ों लोग भी साधु-संतों का इंतजार करेंगे। दरअसल यह बात कही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उज्जैन में आयोजित किए गए सिंहस्थ 2016 के तहत विभिन्न 13 अखाड़ों के साधु संतों को विदाई दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने 13 अखाड़ों के प्रमुख पदाधिकारियों का शॉल – श्रीफल भेंट कर सम्मान किया।
बड़नगर रोड़ स्थित निरंजनी अखाड़े की छावनी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साधु – संतों से कहा कि यह शहर तुम बिन सूना – सूना ही लगेगा। उन्होंने साधुओं का अभिनंदन किया और कहा कि सिंहस्थ के दौरान बड़े पैमाने पर श्रद्धालु यहां पहुंचे और उन्होंने संतों का आशीर्वाद लिया। बाबा महाकाल के आशीर्वाद से और संतों की कृपा से यहां पर बड़े पैमाने पर श्रद्धालु जुटे।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमंहंत नरेंद्रगिरिज महाराज ने कहा कि यहां पर साक्षात् श्री महाकालेश्वर विराजते हैं यहां पर शिव और साधना की जोड़ी रहती है। यहां पर कोई भी काम सफल हुए बिना नहीं रह सकता है। दरअसल मुख्यमंत्री कई दिनों तक शहर में रहे। उनकी पत्नी साधना तो एक माह ही साधु-संतों की सेवा में लगी रही।
प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिन रात कार्य किया। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सभी साधु-संतों का पुष्प हार पहनाकर सम्मान किया। यही नहीं सीएम शिवराज सिंह ने श्रीमहंत नरेंद्र गिरि और अन्य साधुओं को शॉल-श्रीफल और चांदी का सिक्का भेंट कर समानित किया। इस मौके पर साधुओं ने भी शिवराज सिंह को मोगरे की माला पहनाई। यह माला करीब 10 फीट लंबी थी। इस अवसर पर पुलिस अधिकारियां आर प्रशासनिक अधिकारियां का सम्मान भी किया गया।