नेपाल के दार्चुला जिले में हिमस्खलन में दबे लोगों की तलाश जारी है। पुलिस बचावकर्मियों ने लापता हुए पांच ग्रामीणों की तलाश में उत्तर पश्चिमी नेपाल के एक दूरदराज के इलाके में छानबीन की। पुलिस ने बताया कि ये लोग जड़ी-बूटी इकट्टा करने गए थे।
नेपाल के दार्चुला जिले में हिमस्खलन में दबे लोगों की तलाश जारी है। बुधवार को दर्जनों पुलिस बचावकर्मियों ने लापता हुए पांच ग्रामीणों की तलाश में उत्तर पश्चिमी नेपाल के एक दूरदराज के इलाके में छानबीन की। पुलिस ने बताया कि ये लोग जड़ी-बूटी इकट्टा करने गए थे। जिसके बाद अचानक हुए हिमस्खलन में वहीं दब गए।
बर्फबारी के कारण ग्रामीणों की तलाश में बाधा
बता दें कि 2 मई को ब्यास गांव में हिमस्खलन बेस कैंप से टकराया था, जिसके बाद से चार महिलाएं और एक पुरुष लापता है। वहीं, अन्य सात हिमस्खलन की चपेट में आने से बच गए। इसकी जानकारी दार्चुला जिला पदाधिकारी प्रदीप सिंह धामी ने दी है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लगातार बर्फबारी और बारिश होने के कारण लापता ग्रामीणों की तलाश में बाधा उत्पन्न हो रही है।
सैकड़ों ग्रामीण करते है जड़ी-बूटी की तलाश
धामी ने बताया कि गर्मियों के दौरान सैकड़ों ग्रामीण कवक जैसी जड़ी-बूटियों जैसे ‘हिमालयी वियाग्रा’ की तलाश में हिमालय की तलहटी जाते हैं। उल्लेखनीय है कि, 2007 में चीन की सीमा से सटे दूरस्थ डोल्पा क्षेत्र में भारी हिमपात आया था, जिसमें महंगी जड़ी-बूटी इकट्ठा करने वाले 16 ग्रामीणों की मौत हो गई थी। बता दें कि ये जड़ी-बूटियां एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि होती है, जो केवल नेपाल और तिब्बत के हिमालय पर पाई जाती है।