नई दिल्ली : उत्तराखंड के राजनीतिक संकट पर बुधवार को फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल(एजी) ने कहा कि सरकार फ्लोर टेस्ट को लेकर गंभीर है. समाधान के लिए थोड़ा वक्त चाहती है. इस पर कोर्ट ने 6 मई तक का समय दिया. इसके पहले मंगलवार को हुई सुनवाई में जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस शिव कीर्ति सिंह की पीठ ने सवाल किया था कि क्यों न सुप्रीम कोर्ट की देख रेख में फ्लोर टेस्ट कराया जाए.
इसके लिए कोर्ट ने एजी को केंद्र से राय लेने को कहकर सुनवाई टाल दी थी. बुधवार की सुनवाई में एजी ने कहा कि केंद्र सरकार फ्लोर टेस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों को काफी गंभीरता से ले रही है. इस बारे में दिशा निर्देश तय नहीं हुए इसलिए सरकार को फैसले के लिए शुक्रवार तक का समय दिया जाए.
दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर फैसला लेने के लिए 6 मई तक का वक्त दिया. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 अप्रैल को उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी. जिसमें राष्ट्रपति शासन लगाये जाने के फैसले को निरस्त कर दिया था. 27 अप्रैल को इस रोक को आगे बढ़ा दिया था.