कुछ महिलाए आपस मे अगर प्याज के बढ़ते भाव के बारे मे चर्चा कर रही हों तो कैसा संवाद हो सकता है,पढ़िये।
मिसेज़ गुप्ता : बहन कितने मे लाई ये कोहीनूर जैसा प्याज ?
मिसेज़ भल्ला : 230 रुपये पाव बिक रहा है,पर मैंने सिर्फ 220 रुपये मे लिया दुकानदार तो मान ही नही रहा था फिर मैंने उसे फटकार लगते हुये कहा “हम कोई भूखे नंगे नहीं है हफ्ते मे पचास ग्राम प्याज तो खाते ही है चल जल्दी से सही भाव लगा ” तब कही जाकर वह माना ।
मिसेज मित्रा : प्याज भी तो देखो ! कितना सुर्ख है लगता है नासिक वाला है ।
मिसेज गुप्ता : एक बात कहूँ नासिक वाला प्याज सिर्फ दिखता अच्छा है, महक तो उत्तर प्रदेश वाले की ही अच्छी होती है, मै दो महीने पहले 75 ग्राम प्याज लाई थी नासमिटे ने उत्तर प्रदेश वाला बता कर नासिक का प्याज दे दिया।
मिसेज भल्ला : चल झूठी साल मे दो बार ही तो तेरे घर प्याज आता है दीवाली और होली पर 😉
मिसेज गुप्ता : हाँ..हाँ तू ही तो है यहा सबसे बड़ी धन्ना सेठ है तभी तूने अपने घर आए मेहमानों के लिए मेरे से प्याज की ऊपरी परत उधार ली थी। 😉 😉
मिस्टर भल्ला : अगर तुम्हारी प्याज पुनीत कथा खतम हो गई हो तो प्याज अच्छे से रखा दो अगर वह खराब हो गई तो इस बार बिना सोचे तलाक दे दूंगा।