नई दिल्ली, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी से बाहर रखा जाएगा। सरकार ने सोमवार को यह बात साफ कर दी। लोकसभा में कई सासंदों द्वारा पूछ गए सवाल के लिखित जवाब में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि जीएसटी परिषद ने तेल और गैस को माल एवं सेवा कर के दायरे में शामिल करने की सिफारिश नहीं की है।
संसद के सदस्यों ने पूछा था, ‘क्या डीजल, पेट्रोल की कीमतों पर नियंत्रण के लिये पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की योजना है? इसके जवाब में मंत्री ने कहा, ‘मौजूदा उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की कोई योजना नहीं है। अभी तक जीएसटी परिषद ने तेल और गैस को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में शामिल करने की सिफारिश नहीं की है।
उल्लेखनीय है कि पेट्रोल और डीजल को लंबे समय से जीएसटी के दायरे में लाने की मांग हो रही है। जीएसटी के दायरे में आने से पेट्रोल, डीजल की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है। अभी आधा से ज्यादा हिस्सेदारी राज्य और केंद्र सरकार के टैक्स की है।
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। देश के ज्यादातर हिस्सों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर के पार हो गया है। डीजल का भाव भी धीरे-धीरे 100 रुपये प्रति लीटर की तरफ बढ़ रहा है। 42 दिनों में ही पेट्रोल 11.52 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। डीजल और पेट्रोल पर केंद्र और राज्य सरकार कई तरह की टैक्स वसूलती हैं।
पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स से बीते वित्त वर्ष के दौरान केंद्र सरकार की कमाई 88 फीसद बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये हो गई। उत्पाद शुल्क बढ़ाए जाने के चलते सरकार की कमाई में इजाफा हुआ है।
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