पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का आज शनिवार को लम्बी बीमारी से जूझने के बाद दुखद निधन हो गया है। वे 66 वर्ष के थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे। आज उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता जेटली को घबराहट और कमजोरी की शिकायत के बाद 9 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था।

इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने एम्स जाकर उनका स्वास्थ के सम्बन्ध में जानकारी ली थी, उनके अलावा पीएम मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आदि कई वरिष्ठ नेता उनका हाल चाल जानने पहुंचे थे। जेटली की तबीयत शुक्रवार देर शाम फिर बिगड़ गई थी। उनके दिल और फेफड़े सही तरह से काम नहीं कर रहे थे, इसीलिए उन्हें एकमो मशीन पर रखा गया थे।
गौरतलब है कि एक्सट्रॉकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन, जिसे एक्स्ट्राकोर्पोरियल लाइफ सपोर्ट के नाम में भी जाना जाता है, यह उन लोगों को लंबे समय तक हृदय और श्वसन सहायता प्रदान करने की एक एक्सट्रॉस्पोरल तकनीक है, जिनके हृदय और फेफड़े सही तरीके से काम नही कर रहे हों। आपको बता दें कि मई 2018 में उनका किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था। उससे पहले वर्ष 2016 में उनकी बेरिएट्रिक सर्जरी (वजन घटाने के लिए पेट की चर्बी का आपरेशन) हुई थी। जेटली को डायबिटीज़ से भी पीड़ित थे।
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