एक शोध की रिपोर्ट के मुताबिक, जब भी सेक्स संबंध बनाने की बात आती है तो पुरुष महिलाओं की तुलना में अलग-अलग अंदाज में वीयर्ड फेंटेसी करते हैं और उन तरीको को वास्तविक जीवन में अपनाने की भी सोचते हैं। वहीं दूसरी तरफ महिलाएं भी खूब सेक्स कल्पनाएं करती हैं लेकिन वो उन्हें वास्तविक जीवन में लेन की कल्पना नहीं करती। ऐसे प्रकार महिला और पुरुष दोनों की सेक्स कल्पनाओं में काफी अंतर पाया जाता है। महिलाओं की सेक्स इच्छाओं की कल्पनाओं में आसानी से फर्क समझा जा सकता है।
द हेल्थ साइट पर प्रकाशित इस शोध को करने का मकसद यही जानना था कि क्या सेक्स फेंटेंसी होना नॉर्मल है। मॉन्ट्रियल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता क्रिश्चियन जोयल ने कहा है कि हम हमेशा सेक्स में सामान्य फेंटेसी से अधिक के बारे में सोचते हैं। पैथलाजिकल यानी बेसिर पैर की फेंटेसी में हमारे पार्टनर की सहमति नहीं होती है। ऐसी फेंटेसी में दर्द भी होता है और इन्हें सिर्फ पूरा करने की चाह होती है, इनसे संतुष्टि नहीं मिलती है। शोधकर्ताओं ने सेक्सुअल फेंटेसी को लेकर 1,517 व्यस्कों को लेकर रिसर्च की जिसमें 799 पुरुष और 718 महिलाएं शामिल थी।
इस रिसर्च में प्रतिभागियों से उनकी सेक्सुअल फेंटेसी को लेकर सवाल-जवाब किए गए। साथ ही उनकी फेवरेट फेंटेसी की विस्तार से लिखने के लिए कहा गया। रिसर्च में बहुत सी महिलाओं ने लिखा की सेक्स की सारी सीमाओं को पार करे लेकिन ये महिलाएं नहीं चाहती थी कि उनकी सेक्स फेंटेसी वास्तविक जीवन में भी लागु हो। वहीं रिसर्च में ऐसे पुरुषों की संख्या ज्यादा थी जो वीयर्ड सेक्स कल्पनाएं ना सिर्फ करते हैं बल्कि सोचते हैं कि वो वास्तविक जिंदगी में भी पूरी हो। बल्कि शोध में देखा गया की पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की सेक्स फेंटेसी ज्यादा मजबूत है। वहीं पुरुषों की सेक्स फेंटेसी महिलाओं के मुकाबले शादी सुधा संबंधों को लेकर बहुत अधिक थी।