देहरादून, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री को बदरी-केदार डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लोकार्पण का न्योता दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून व आपदा के दौरान सड़कें बंद होने की स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों के कटने के हालात बन जाते हैं, लिहाजा इन क्षेत्रों में वैक्सीन पहुंचाने के लिए अतिरिक्त कोटा दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बहुप्रतीक्षित मुलाकात आखिरकार हो गई। बीते मार्च माह में मुख्यमंत्री बनने के बाद तीरथ सिंह रावत की प्रधानमंत्री मोदी से यह पहली मुलाकात है। इससे पहले मुख्यमंत्री के कोरोना संक्रमित होने की वजह से ये मुलाकात नहीं हो सकी थी। तकरीबन आधा घंटे चली इस मुलाकात में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के तहत चार धामों में सड़कों का कार्य तेजी से चल रहा है। श्रीकेदारनाथ धाम का भव्य रूप विकसित हो गया है। बदरीनाथ धाम के संबंध में रूपरेखा तैयार हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यावरण अत्यंत संवेदनशील है। संपूर्ण हिमालयी क्षेत्र में हिमनद का अध्ययन करने और जल स्रोतों को सुरक्षित रखने के बारे में अध्ययन करने को राज्य में हिमनद व जल संसाधन शोध केंद्र की स्थापना की जानी चाहिए। राज्य को तीन डाप्लर रडार की स्वीकृति देने पर प्रधानमंत्री का आभार जताने के साथ ही उन्होंने घाटी क्षेत्रों के लिए 10 छोटे रडार उपलब्ध कराने का अनुरोध भी किया। उत्तराखंड को जैविक प्रदेश के रूप में विकसित करने के लिए केंद्र सरकार से विशेष अनुदान का आग्रह भी उन्होंने किया। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुमाऊं क्षेत्र में एम्स की स्थापना या ऋषिकेश एम्स की शाखा स्थापित करने का अनुरोध भी किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर ऋषिकेश व हल्द्वानी में डीआरडीओ निर्मित अस्पतालों से जनता को अत्यधिक लाभ मिला। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच का ही नतीजा है कि कोविड-19 से लड़ने के लिए राज्य को केंद्र से हर प्रकार की सहायता मिली। देश में 18 वर्ष की आयु से ऊपर सभी भारतीयों का कोरोना टीकाकरण मुफ्त करने और राज्य को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की सौगात देने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार जताया। उन्होंने प्रधानमंत्री को कंडाली की जैकेट भी भेंट की।