पीएफआई पर छापेमारी के बाद मोदी सरकार का बड़ा फैसला, जाने क्या

कई दिनों तक कट्टरपंथी संगठन पीएफआई पर छापेमारी के बाद मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार की ओर से इस अतिवादी संगठन और उससे जुड़ी संस्थाओं पर अगले 5 सालों के लिए बैन लगा दिया गया है। इस बीच पूरे मामले पर राजनीति भी तेज हो गई और आरएसएस का नाम भी इसमें घसीटा जा रहा है। कांग्रेस के सांसद के. सुरेश ने कहा कि पीएफआई के खिलाफ जैसी कार्रवाई हुई है, वैसी ही आरएसएस के खिलाफ भी होनी चाहिए। सुरेश ने कहा कि संघ पर भी बैन लगना चाहिए। यह संगठन अतिवादी गतिविधियों को बढ़ावा देता है। 

के. सुरेश ने कहा कि आरएसएस भी ऐसा ही काम करता है। उस पर भी पीएफआई की तरह ही बैन लगना चाहिए। सुरेश ने कहा कि आरएसएस देश में बहुसंख्यक सांप्रदायिकता को बढ़ावा देता है। इसलिए उस पर भी बैन लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता चाहे अल्पसंख्यकों के बीच हो या फिर बहुसंख्यकों में हो, दोनों ही देश के लिए खतरनाक हैं। वहीं इस पर जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तो हमेशा देशविरोधी ताकतों के बचाव में खुलकर आ जाते हैं। 

टेनी ने कहा कि पीएफआई के खिलाफ सबूतों के आधार पर फैसला लिया गया है। आने वाले समय में भी जैसा इनपुट मिलेगा, उसके आधार पर ही ऐक्शन लिया जाएगा। ये खतरनाक लोग हैं, तभी तो इनको बैन किया गया है। एनआईए की ओर से इसके सबूतों के बारे में जानकारी दी जाएगी। कांग्रेस पर अटैक करते हुए टेनी ने कहा कि वह तो हमेशा देशविरोधी ताकतों के बचाव में खुलकर आ जाते हैं। गौरतलब है कि सैकड़ों की संख्या में देश भर के राज्यों से पीएफआई के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से कई लोगों को रिमांड पर भेजा गया है।

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