एजेंसी/अपनी शादी के लिए पैसों का इंतजाम न होने और जरूरी खर्चों के लिए मां-बाप के बीच लड़ाई से मिलन आहत थी। वहीं मां की बीमारी और मई में तय हुई शादी टूटने के बाद वह और बिखर गई, इसलिए आत्मघाती कदम उठा लिया।
सुसाइड नोट लिखकर फ्रिज पर रखा और छत पर जाकर खुद को आग के हवाले कर दिया। जब उसे छत से नीचे लाया जा रहा था तब उसने फ्रिज की तरफ इशारा किया था, जहां सुसाइड नोट मिला।
मिलन ने सुसाइड नोट में लिखा है, ‘मुझे माफ कर देना मम्मी क्योंकि तुम्हें मेरी शादी की चिंता खाए जा रही है और आर्थिक तंगी के कारण तुम्हारे पास इतने पैसे नहीं है कि मेरी शादी कर सको।
आपने मुझे पढ़ाया लिखाया लेकिन तुम्हारी हालत देखकर मेरा मन बहुत परेशान होता है लेकिन मैं असहाय हूं और मैं कुछ नहीं कर सकती। मैं अपने तीनों बहन भाईयों से बहुत प्यार करती हूं, क्यों अब तो रोटियों के भी लाले पड़ने लगेंगे, इसलिए मुझे माफ कर देना।
मैं किसी और वजह से यह काम नहीं कर रही हूं, बल्कि यह काम अपनी मर्जी से कर रही हूं, अगर पुलिस को यह खबर मिलती है तो पुलिस से निवेदन है मेरे किसी भी परिवारवाले को परेशान नहीं करे।
किसी का कोई दोष नहीं, मैं अपनी मर्जी से यह कदम उठा रही हूं क्यों मेरी मौत का कारण है मेरी गरीबी क्योंकि मैं और गरीबी नहीं देख सकती, परिवार में सबका ध्यान रखना, आपकी मिलन’।
तंगहाली के बाद भी नक्षत्रपाल बच्चों को पढ़ा रहे थे। बच्चों को पढ़ाने और गुजर बसर में पति का हाथ बंटाने के लिए उनकी पत्नी सुखदेवी ने करीब पांच साल पहले घरों में बर्तन मांजना शुरू कर दिया था।
नक्षत्रपाल खुदागंज के चरखौला गांव के मूल निवासी हैं और पिछले 11 साल से फिल्म स्टार राजपाल यादव के यहां चौकीदारी कर रहे हैं। उन्होंने अपनी बड़ी बेटी किरन की शादी आठ साल पहले म्याऊ के निवासी पिंटू से की थी।
दूसरे नंबर की मिलन बीए सेकेंड ईयर की छात्रा थी। वह पढ़ने में होशियार थी और हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की थी। मिलन का छोटा भाई 18 वर्षीय रंजीत सिंह रोजा के गांव कहिलिया में वेदवती इंटर कॉलेज में इंटर का छात्र है।
उससे छोटी बहन 17 वर्षीय मोहनी क्रिश्चियन इंटर कॉलेज में कक्षा 11 में पढ़ती और उससे छोटा भाई रामप्रताप राजकीय इंटर कॉलेज में हाईस्कूल का छात्र है। सभी पढ़ने में ठीक हैं इसलिए नक्षत्रपाल ने उनको पढ़ाने के लिए पूरे प्रयास किए।
तंगहाली गुजरबसर में आड़े आने लगी तो सुखदेवी ने दूसरों के घरों में बर्तन मांजना शुरू कर दिया। यह बात नक्षत्रपाल को अखरी और पति पत्नी में बोलचाल बंद हो गई थी।
नक्षत्रपाल ने घर में खर्च देना बंद कर दिया। हालांकि चौकीदारी के एवज में मिलने वाले तीन हजार रुपये और बंटाई की रकम वह बैंक में जमा करने लगे ताकि बेटियों की शादी कर सके।
आर्थिक तंगी के चलते छात्रा ने मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगाई। उसने सुसाइड नोट में भी यह बात लिखी है। छात्रा ने अपने बयान में भी यह बात कही है।
– विजय शंकर मिश्रा, सीओ सिटी