पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में मंगलवार को पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे लोगों पर पुलिसकर्मियों ने बर्बर तरीके से लाठियां बरसाईं। इस दौरान दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई जबकि 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
पाकिस्तान के हुक्मरानों से परेशान लोग ऑल इंडिपेंडेंट पार्टीज अलायंस (एआईपीए) के बैनर तले मंगलवार को जनसभा कर रहे थे। इसी दौरान वहां प्रदर्शन शुरू हो गया, इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठियां बरसाईं।
घटना से जुड़े वीडियो में साफ दिख रहा है कि लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के बाद रैली स्थल पर भगदड़ मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि उन्होंने काला दिवस मनाने के लिए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी।
प्रशासन भले ही आक्रामकता दिखाए लेकिन हम अपनी आवाज उठाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। 22 अक्तूबर को पिछले साल भी इसी तरह का प्रदर्शन मुजफ्फराबाद, रावलकोट, गिलगित, रावर्लंपडी और अन्य जगहों पर देखने को मिला था।
मुजफ्फराबाद में काला दिवस मनाया गया
पाकिस्तान की सेना ने 22 अक्तूबर 1947 के दिन ही जम्मू-कश्मीर में अवैध तरीके से घुसपैठ की थी और पीओके पर कब्जा कर लिया था। तभी से हर साल 22 अक्तूबर को पीओके के लोग काला दिवस के रूप में मनाते हैं।