पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पाकिस्तान की सरकार को गिराने के लिए विपक्षी पार्टियां सेना पर दबाव डाल रही हैं. Samaa TV के साथ एक इंटरव्यू में इमरान खान ने यह दावा किया. उन्होंने यह भी कहा कि सेना उनकी सरकार के अंदर आती है.
इमरान खान ने कहा है कि विपक्षी पार्टी के नेताओं का आरोप है कि वे कठपुतली हैं और इसलिए विपक्ष इस्टैब्लिश्मेन्ट से बात करना चाहता है, इसका मतलब यह हुआ कि वे सरकार गिराने के लिए सेना पर दबाव डालना चाहते हैं. यह उनका लोकतांत्रिक आंदोलन है. इमरान खान ने यह भी कहा कि पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने जिस तरीके से पाकिस्तान की टॉप मिलिट्री लीडरशिप पर जुबानी हमला बोला है, इससे सेना के भीतर काफी गुस्सा है.
खान ने बताया कि लंदन से सरकार विरोधी रैलियों को संबोधित करते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि 2017 में उनकी सरकार गिराने के लिए सेना प्रमुख जनरल बाजवा और आईएसआई प्रमुख जनरल फैज हमीद ने योजना बनाई थी और 2018 के चुनाव को भी प्रभावित किया था, ताकि इमरान खान को कुर्सी पर बैठाया जा सके.
पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि वे जनरल बाजवा की तारीफ करते हैं क्योंकि उन्होंने लोकतंत्र की खातिर संयम रखा है. अगर बाजवा की जगह कोई और होता तो बड़ी प्रतिक्रिया हुई होती.
इमरान खान ने कहा कि चूंकि विपक्ष को यह समझ आ गया है कि वे उन्हें (इमरान खान को) कुर्सी से हटा नहीं सकते, इसलिए वे पाकिस्तान की सेना से अपील कर रहे हैं और चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए कह रहे हैं. यहां आर्टिकल 6 लागू होता है. देशद्रोह का मामला बनता है.
इमरान खान ने कहा कि विपक्ष की मांग है कि अगर सेना और आईएसआई चीफ मुझे नहीं हटाते हैं तो सेना को अपने शीर्ष अधिकारियों को ही पद से हटा देना चाहिए. वहीं, एक सवाल के जवाब में इमरान खान ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना, सरकार का हिस्सा है. पाकिस्तान की सेना उनके ऊपर नहीं, नीचे आती है.