हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि बार एसोसिएशन द्वारा जारी किया गया प्रमाणपत्र उसी तरह से मान्य होता है जिस प्रकार न्यायिक व अर्धन्यायिक अथॉरिटी का। इस मामले में पीपीएससी ने उम्मीदवारों का चयन कर उनके नाम की सिफारिश सरकार को भेजी थी।
पंजाब की अदालतों में 112 एडीए (एडिशनल डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी) और 41 डीडीए के पदों की भर्ती को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। साथ ही कोर्ट ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ दाखिल 8 अपीलों को खारिज कर दी हैं। सिंगल बेंच ने अनुभव के हर साल के छह अंतरिम आदेश पेश करने के पीपीएससी के आदेश को रद्द करते हुए गत वर्ष अक्तूबर में पंजाब सरकार को 1 माह में भर्ती पूरी करने का आदेश दिया था।
सिंगल बेंच में ज्योत्सना रावत व अन्य ने याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया था कि पंजाब की अदालतों में 112 एडीए व 41 डीडीए के पदों को भरने के लिए आयोजित भर्ती प्रक्रिया में उन्होंने हिस्सा लिया था। लिखित परीक्षा को भी पास किया। इस दौरान आयोग ने सफल आवेदकों को नियुक्ति देने के लिए अजीब शर्त लगा दी। कहा कि वे वकालत के अनुभव के तौर पर हर साल के छह अंतरिम आदेश पेश करें जिससे साबित हो कि वो अदालतों में पेश होते थे।
किसी भी भर्ती का विज्ञापन जारी होने के बाद नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता। यह शर्त विज्ञापन में नहीं थी और जब लिखित परीक्षा का परिणाम जारी हो चुका है तब यह शर्त जोड़ी गई है। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि बार एसोसिएशन द्वारा जारी किया गया प्रमाणपत्र उसी तरह से मान्य होता है जिस प्रकार न्यायिक व अर्धन्यायिक अथॉरिटी का। इस मामले में पीपीएससी ने उम्मीदवारों का चयन कर उनके नाम की सिफारिश सरकार को भेजी थी।
भर्ती में धांधली या किसी तरह का दोष न होने की स्थिति में सरकार को चयनित लोगों को नियुक्ति देने में देर नहीं करनी चाहिए। वकील को अनुभव के हर साल के 6 अंतरिम आदेश जिनमें उनकी हाजिरी हो, पेश करने का आदेश सही नहीं है। सरकार शायद सही उद्देश्य के लिए गलत तरीका इस्तेमाल कर रही है। हाईकोर्ट ने ऐसे में पीपीएससी की शर्त को खारिज करते हुए सरकार को एक माह में भर्ती पूरी करने का आदेश दिया था।
इस फैसले के खिलाफ खंडपीठ में अपील दाखिल करते हुए प्रभावित आवेदकों ने कहा था कि सरकार का अधिकार है कि वह अपने लिए कर्मचारी चुनते हुए आवश्यक शर्त लगाए। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि सिंगल बेंच ने सभी पक्षों पर गौर करने के बाद संतुलित आदेश जारी किया है इसमें दखल की जरूरत नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सभी अपील खारिज करते हुए भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है।