पंजाब के सीएम के बेटे की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, ED ने 6 नवंबर तक ऑफिस में दस्तावेज जमा करवाने की दी मोहलत

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बेटे रणइंदर सिंह की मुश्किलें जल्‍द ही बढ़ सकती हैं। वैसे ईडी ने उन्हें 6 नवंबर तक दफ्तर में पेश होकर जांच के लिए दस्तावेज उपलब्ध करवाने की मोहलत दी है।  विदेशों में रणइंदर के बैंक खातों व ब्रिटिश आइसलैंड में ट्रस्ट बनाने के मामले को लेकर फेमा के तहत आयकर  विभाग की तरफ से चल रही जांच के बाद ईडी ने भी इस मामले की जांच शुरू की है। बीते सप्ताह ईडी ने रणइंदर सिंह को समन भेजकर 27 अक्टूबर को  ईडी दफ्तर में पेश होने के लिए कहा था। रइणंदर सिंह २७ अक्टूबर को ईडी दफ्तर में पेश नहीं हुए थे।

27 अक्टूबर को पेश होने के लिए भेजा था समन, रणइंदर ने पेश होने के लिए एक सप्ताह का और समय मांगा

रइणंदर सिंह के वकील जयवीर सिंह शेरगिल ने 27 को ट्वीट करके जानकारी दी थी कि रणइंदर नेशनल राइफल एसोशिएशन के प्रधान है। २७ को वह ओलंपिक गेम्स को लेकर पार्लियामेंटरी पैनल की बैठक में शामिल होंगे। इसलिए ईडी दफ्तर में नहीं पेश हो सकेंगे। ओलंपिक गेम्स को लेकर यह बैठक अहम है। ईडी दफ्तर में रणइंदर का काफी देर तक इंतजाार होता रहा था।

ईडी ने पहले आयकर विभाग के संबंधित दस्तावेजों की मांग की थी, लेकिन आयकर विभाग ने गोपनीयता का  कानून के आधार पर ईडी को आधिकारिक तौर पर दस्तावेज देने से मना कर दिया था। उसके बाद ईडी ने अपने स्तर से इस मामले की जांच शुरू की है। रणइंदर की तरफ से ईडी दफ्तर में पेश होने  के लिए  एक सप्ताह का समय मांगा गया था।

नतीजतन ईडी ने उन्हें 6 नवंबर तक पेश होने की मोहलत दे दी है। इसके बाद बी अगर रणइंदर पेश नहीं होते हैं तो ईडी दोबारा भी समन  जारी कर सकती है। ईडी के आधारिक सूत्रों का कहना है कि चार साल पहले रणइंदर सिंह ने जांच मेंसहयोग की बात की थी, लेकिन अभी तक विदेशी बैंक खातों व उनमें की गई ट्रांजेक्शन की जानकारी के संबंध में दस्तावेज नहीं उपलब्ध करवाए गए हैं।

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यह है मामलापहली बार विदेशी बैंकों में खातों में मनी ट्रांसफर व खातों को लेकर यह मामला सामने आया था। उसके बाद से 15 साल हो गए अभी तक जांच एजेंसीज किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। आयकर विभाग ने लुधियाना में इस संबंध में केस दर्ज कर रखा है। फेमा (फारेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) के तहत दर्ज मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशायल (ईडी)ने 2016-16 में जांच शुरू की थी।

उसी समय रणइंदर को ईडी ने समन भेजा था। रणइंदर ईडी के जालंधर स्थित दफ्तर में पेश भी हुए थे। उन्होंने जांच में सहयोग करने की बात कही थी। ईडी ने रणइंदर सिंह ने संबंधित दस्तावेजों की मांग की थी, लेकिन चार साल बाद भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं  करवाए गए हैं। आयकर विभाग द्वारा दर्ज केस के अनुसार ब्रिटिश आइसलैंड में रणइंदर की तरफ से ट्रस्ट बनाया गया है।

एचएसबीसी के जरिए खोले गए ट्रस्ट के बैंक खातों में करोड़ों रुपये की ट्रांसजेक्शन किए जाने की जांच आयकर विभाग कर रहा है। ट्रस्ट के एकाउंट में उस समय 31 करोड़ रुपये थे, जो बाद में 41 करोड़ हो गए थे।  ट्रस्ट द्वारा चार कंपनियां बनाई गई थीं। इसके अलावा लंदन व दुबई में भी प्रापर्टी तथा बैंक खातों में धनराशि के ट्रांसजेक्शन की गई थी। 2013 में ट्रस्ट की करोड़ों की धनराशि दूसरे एकाउंट में ट्रांसफर की गई थी।

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