भारतीय सीमा सोनौली के रास्ते नेपाल पहुंचे 11 अफगानी नागरिकों को काठमांडू के सिनामंगल से गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से नकली भारतीय आधार कार्ड बरामद हुआ है। इस सूचना से भारत-नेपाल सीमा पर तैनात तमाम एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। उन्होंने अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू कर दी है।
नेपाल पुलिस के डीआईजी धीरज प्रताप सिंह के मुताबिक नेपाल पुलिस के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीआईबी) ने सोमवार सुबह उन्हें सिनामंगल के एक घर से गिरफ्तार किया है। सीआईबी के अनुसार गिरफ्तार किए गए छह लोगों के पास से भारत के आधार कार्ड भी बरामद किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि बरामद भारतीय आधार कार्ड फर्जी था। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद यह सभी भाग गए थे और भारत के रास्ते नेपाल में प्रवेश कर गए।
जांच में जो बातें सामने आई है उसके मुताबिक यह सभी अफगानी रूपन्देही में नेपाल-भारत सीमा पर बेलहिया से नेपाल में प्रवेश किए पाए गए थे। यह सीमा सोनौली से सटे है।
नेपाल सीमा पर तस्करी का खेल
कोरोना के चलते 17 महीने बंद रही नेपाल सीमा के खुलते ही सोनौली बार्डर से तस्करी का खेल फिर से शुरू हो गया है। सुरक्षा कर्मियों के आंख मूंदने से तस्करों की कमाई बढ़ गई है। वह मालामाल हो रहे हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है। बेखौफ तस्करी के पीछे की खास बात यह है कि यहां अवैध सामानों की ढुलाई के लिए रेट लिस्ट फिक्स कर दिया गया है। नेपाल से भारत या भारत से नेपाल सीमा से सटे उनके गोदाम पर तस्करी का सामान पहुंचाने के बदले कैरियरों को रेट लिस्ट के हिसाब से मजदूरी मिल रही है।