ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 9 ग्रह हैं जो सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु या बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहू और केतु माने गए हैं। इन नवग्रहों में से प्रत्येक ग्रह विभिन्न परिणाम देते हैं और 12 विभिन्न राशियों में बैठकर कभी-कभी बिल्कुल विपरीत परिणाम देते हैं।

हर राशि में प्रत्येक ग्रह के कुछ अच्छे और कुछ बुरे परिणाम होते हैं। तंत्र शास्त्र के अनुसार नवग्रहों की स्थिरता के लिए कुछ सरल और सुलभ उपाय बताए गए हैं।
सूर्य अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो बेड के नीचे तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखें। ऐसा करना संभव न हो तो तकिए के नीचे लाल चंदन रखें।
चंद्र खराब हो तो बैड के नीचे चांदी के पात्र में जल भरकर रखें। संभव न हो तो चांदी के गहने पहनें।
मंगल परेशानी दे रहा हो तो कांसे के बर्तन में पानी भरकर रखें अथवा तकिए के नीचे सोने-चांदी की धातु से बनी ज्वैलरी रखें।
बुध जीवन में उथल-पुथल मचा रहा हो तो तकिया के नीचे सोने से बने अलंकार रखें।
देवगुरु बृहस्पति टेढ़ी चाल चल रहे हो तो हल्दी की गांठ पीले कपड़े में बांधकर तकिए के नीचे रखें।
शुक्र की शुभता के लिए चांदी की मछली बनाकर तकिए के नीचे रखें अथवा चांदी के पात्र में जल भरकर पलंग के नीचे रखें।
शनि से संबंधित कोई भी समस्या हो तो लोहे के पात्र में जल भरकर बैड के नीचे रखें अथवा पिलो के नीचे शनिदेव का प्रिय रत्न नीलम रखें।
इसके साथ ही राहु के अनुकूल बनाने के लिए सिर पर चोटी रखना, माथे पर चंदन का तिलक लगाना चाहिए।
केतु को शुभ बनाने के लिए दो रंग के कुत्ते को रोटी खिलाएं अथवा कुत्ता पालें।
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