नई दिल्ली: देश की आबादी से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश का कपड़ा उद्योग कितना बड़ा है. कपड़ा उद्योग देश में रोजगार देने के मामले में दूसरे नंबर पर है. ऐसा माना जा रहा है कि इंडिया साइज आने के बाद इस व्यापार में और बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी, क्योंकि लोगों को जब अपनी पसंद की फिटिंग मिलेगी तो वो और कपड़े खरीदेंगे. पढ़ें ये रिपोर्ट.

कपड़ा उद्योग का अर्थशास्त्र-
- देश के मौजूदा कपड़ा उद्योग का सालाना व्यापार 14 हजार करोड़ रुपए है.
- जिसमें से 10 हजार करोड़ रुपये का योगदान तो अकेले घरेलू उपभोक्ता का है.
- 4 हजार करोड़ रुपये एक्सपोर्ट के जरिए देश के कपड़ा उद्योग को मिलता है.
- रोजगार देने के हिसाब से कपड़ा उद्योग दूसरे नंबर पर है.
इन देशों की लीग में जल्दी ही शामिल हो जाएगा भारत
दुनिया के ज्यादातर देशों ने अपने नागरिकों की कद-काठी के हिसाब से नेशनल साइज तैयार किया है. ऐसे देशों की संख्या 14 है. जिनमें अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको, इंग्लैंड, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी, कोरिया, चीन और ऑस्ट्रेलिया मुख्य देश हैं और भारत भी इन देशों की लीग में जल्दी ही शामिल हो जाएगा.
कपड़ों की फिटिंग की समस्या सुलझाने के लिए बड़ा कदम
कपड़ों की फिटिंग की समस्या को सुलझाने के लिए मिनस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल्स, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर कपड़ों के साइज का मानकीकरण कर रही है जो कपड़ों का स्वदेशी स्टैंडर्ड होगा.
इंडियासाइज की प्रिंसिपल इंवेस्टिगटर प्रो नूपुर आंनद ने कहा है कि इंडिया साइज बनाने के लिए एक नेशनल साइजिंग सर्वे किया जाएगा, जिसके तहत हम 25 हजार लोगों को 6 शहरों में पेन इंडिया मेजर करेंगे और उनका डेटा लेकर एक बॉडी साइज चार्ट बनाएंगे, जो कि हमारी भारतीय जनसंख्या के हिसाब से हो. ताकि इससे हमको कपड़ा वैसा मिले जो कि हमारी बॉडी शेप और साइज के हिसाब से हो.
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