दुनिया के मानचित्र पर जल्दी ही एक और देश नजर आ सकता है. लंबे समय तक चली लड़ाई के बाद संसाधन-समृद्ध द्वीपों वाला बोगनविली पापुआ न्यू गिनी से अलग होकर नया देश बनने की राह पर है. 23 नवंबर को करीब दो लाख से अधिक पंजीकृत मतदाता अधिक स्वायत्ता या स्वतंत्रता के लिए मतदान करेंगे. मतदान 7 दिसंबर तक जारी रहेगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बोगनविली का नाम 18वीं शताब्दी के फ्रांसीसी खोजकर्ता के नाम पर रखा गया. 19वीं शताब्दी के अंत में यह जर्मन उपनिवेश, जर्मन न्यू गिनी का हिस्सा बना. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, ऑस्ट्रेलिया के नियंत्रण में आया और 1975 तक उसी के ही नियंत्रण में रहा.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 1975 में पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) को स्वतंत्रता मिली और बोगनविली एक प्रांत बना. पीएनजी बनने से कुछ समय पहले बोगनविली की स्वतंत्रता की घोषणा हुई थी. लेकिन इसे ऑस्ट्रेलिया और पीएनजी दोनों ने नजरअंदाज कर दिया था. इससे असंतोष उबल पड़ा और 1988 से अलगाव के लिए अगले नौ साल तक युद्ध चलता रहा. युद्ध की शुरुआत में इस क्षेत्र के 4,000 से 20,000 तक लोग मारे गए. रंगभेद ने भी इस लड़ाई में घी डालने का काम किया। दरअसल, बोगनविली द्वीपों पर रहने वाले श्वेत थे और उपनिवेश के नियंत्रण में रहने के कारण पापुआ न्यू गिनी में अधिकतर लोग अश्वेत थे.