ऐसे हुआ अध्ययन
फेसबुक के ‘क्राउडटैंगल’ टूल की मदद से 962 फेसबुक पेजों की एक्टिविटी का विश्लेषण किया गया। ये पेज ऐसे लोगों के हैं जो किसी देश के मुखिया हैं या फिर सरकार में शामिल हैं।
2019 वर्ल्ड लीडर्स ऑन फेसबुक नामक जारी रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है
1- नरेंद्र मोदी
भारतीय प्रधानमंत्री के निजी फेसबुक पेज पर 4.35 करोड़ लाइक्स हैं जबकि उनके आधिकारिक पेज को 1.37 करोड़ लाइक मिले हैं।
2- डोनाल्ड ट्रंप
अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियां बटोरने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति के निजी फेसबुक पेज को 2.30 करोड़ लाइक्स मिले हैं। इनके पेज पर लोगों से किए गए संवाद की संख्या 8.40 करोड़ हैं।
3- क्वीन रानिया
जॉर्डन के सुल्तान अब्दुल्लाह की पत्नी 1.69 करोड़ लाइक्स के साथ तीसरे पायदान पर हैं। सामाजिक सरोकारों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं। फेसबुक के साथ ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी इनका अकाउंट है।
4- जायर बोल्सोनारो
एक जनवरी, 2019 को ब्राजील के 38वें राष्ट्रपति बनने वाले जायर फेसबुक पर दुनिया के सबसे इंगेज्ड विश्व नेता हैं। इनके पेज पर 14.5 करोड़ लोगों से किए गए संवाद दर्ज हैं।
लाइक्स बढ़ाने की रणनीति
फेसबुक ने हाल ही में अपने एल्गोरिद्म में बदलाव किया है। उसकी इस रणनीति को भेदने के लिए कुछ वैश्विक राजनेता अपने पोस्ट और पेज को प्रमोट करने के लिए फेसबुक विज्ञापनों का सहारा ले रहे हैं। फेसबुक की एड लाइब्रेरी के अनुसार मार्च 2019 की शुरुआत में ऐसे पेजों की संख्या 50 थी।
विज्ञापनों की संख्या
ट्रंप के फेसबुक पेज के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक 50 हजार से अधिक विज्ञापन पोस्ट किए जा चुके हैं। ब्रिटेन की पीएम टेरीजा मे के पेज पर दिसंबर 2018 में 74 पेड एड पोस्ट किए गए। इसके तहत उनके ब्रेक्जिट प्लान को प्रमोट किया गया था।
सोशल मीडिया पर राजनेता
लोगों का ध्यान सहजता से खींच लेते हैं, लेकिन हमारी हालिया ट्विप्लोमेसी स्टडी पुष्टि करती है कि इन लोगों के लिए भी पेड स्ट्रेटजी अहम है जिससे इनकी पोस्टों को ज्यादा से ज्यादा लाइक मिल सके और वे प्रभावी साबित हों। इसके अतिरिक्त लोगों को खुद से जोड़े रखने के लिए कई नेता इस मंच के सभी टूल्स का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं जिनमें फेसबुक लाइव से लेकर फेसबुक स्टोरीज तक शामिल हैं
संवाद में गिरावट
विश्व के नेताओं से जुड़े फेसबुक पेज पर किए जाने वाले संवाद में गिरावट दर्ज हुई है। 2016 में इन पेजों पर 1.1 अरब संवाद किए गए थे। 2018 में इनमें 32.3 फीसद की गिरावट देखी गई।