कोरोना (COVID-19) की स्थिति में सुधार के मद्देनजर सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शनिवार से दिल्ली में सभी धार्मिक स्थल फिर से खुल गए हैं। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने लोगों को धार्मिक स्थलों पर जाने की अनुमति दे दी है, लेकिन इसके लिए उन्हें कोविड एसओपी का विशेष ध्यान रखना होगा।
डीडीएमए की ओर से जारी आदेश में श्रद्धालुओं के बीच छह फुट की दूरी रखनी होगी और धार्मिक स्थलों पर उमड़ने वाली भीड़भाड़ पर जिला प्रशासन और पुलिस की नजर रहेगी।
आदेश में कहा गया है कि केवल उन्हीं श्रद्धालुओं को धार्मिक स्थलों में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं हैं और प्रत्येक श्रद्धालु को मास्क का उपयोग करना होगा। आदेश के अनुसार, धार्मिक स्थल के अंदर प्रसाद वितरण या पवित्र जल के छिड़काव की भी अनुमति नहीं है।
कनॉट प्लेस में स्थित हनुमान मंदिर के एक पुजारी मदन लाल शर्मा ने कहा कि मंदिर खुल गया है और हम सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखेंगे, सभी एसओपी और दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।
दिल्ली के कालकाजी मंदिर के पुजारी सुरेंद्र नाथ अवधूत ने कहा कि मैं उपराज्यपाल को धन्यवाद और बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने श्रद्धालुओं को मंदिर में आने की अनुमति दी। मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और एक प्रशासक नियुक्त किया गया है, जो मंदिर के बाहर सभी व्यवस्थाओं को देखेगा। उन्होंने कहा कि कोविड मानदंडों का पालन करते हुए हम सभी भक्तों से मास्क पहनने का अनुरोध करते हैं। कालकाजी मंदिर के प्रांगण में शिव शक्ति महाआयोजन का आयोजन किया जाएगा।
राजधानी में मंदिरों को फिर से खोलने के फैसले के बाद लोधी रोड के साईं मंदिर के अध्यक्ष सुशील कपूर ने कहा कि हम मंदिरों को फिर से खोलने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। हम COVID-19 के सभी प्रोटोकॉल का पालन करेंगे।
COVID-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण 19 अप्रैल से मंदिरों को भक्तों के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बाद से ही श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खोलने के लिए सरकार से अनुमति का इंतजार कर रहे थे।
डीडीएमए ने जिलाधिकारियों और पुलिस उपायुक्तों को त्योहारी सीजन को देखते हुए कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।