दिल्ली (Delhi) के मंगोलपुरी इलाके में बुधवार को नौकरी के पहले ही दिन ऑफिस (Office) जा रहे एक युवक की बस की टक्कर से मौत हो गई। मृतक की पहचान योगेश के रूप में हुई है। हादसे में योगेश का एक साथी भी घायल हो गया। पुलिस इस समंबंध में मामला दर्ज कर फरार बस चालक की तलाश कर रही है।
जानकारी के अनुसार, 19 वर्षीय योगेश परिवार के साथ प्रेम नगर इलाके में रहता था। योगेश के पिता रामस्वरूप ने बताया कि वह चार भाइयों में सबसे छोटा था और कुछ बीते दिनों से नौकरी की तलाश कर रहा था। पड़ोस में उसका दोस्त विश्वजीत रहता है जो गुरुग्राम स्थित एक मॉल के हाउस कीपिंग स्टाफ का सुपरवाइजर है। उसने योगेश की नौकरी 15 हजार रुपये प्रति माह वेतन पर अपनी टीम लगवा दी थी।
बुधवार को योगेश के काम का पहला दिन था। वह अपने दोस्त विश्वजीत के साथ बाइक से गुरुग्राम के लिए निकला था। इस दौरान काली माता मंदिर के पास ही दोनों का एक दोस्त मिल गया। तीनों लोग वहां रुककर आपस में बात करने लगे। बात खत्म करते ही जैसे ही विश्वजीत ने बाइक स्टार्ट की तभी पीछे से आ रही तेज रफ्तार बस ने बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि योगेश हवा में उछलकर नीचे गिर पड़ा। वहीं, चालक बस लेकर फरार हो गया।
कार चालक ने पहुंचाया अस्पताल
हादसे में योगेश और विश्वजीत दोनों घायल हो गए। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस और एंबुलेंस को घटना की जानकारी दी। हालांकि, एंबुलेंस के वहां पहुंचने से पहले ही एक कार चालक ने अपने वाहन से घायल योगेश और विश्वजीत अंबेडकर अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान योगेश की मौत हो गई। वहीं, विश्वजीत की हालत सामान्य है। हादसे में घायल विश्वजीत ने बताया कि वे दोनों बाइक से आफिस जाने की बात कह कर घर से निकले थे। शीशे में पीछे से कोई वाहन आता नहीं दिखा तो उसने बाइक को चलाया, लेकिन पता नहीं कहां से अचानक आई बस ने उन्हें टक्कर मार दी। इससे पल भर में ही पूरा मंजर बदल गया।
पिता रामस्वरूप ने ही अपने सबसे छोटे बेटे योगेश को नौकरी करने के लिए कहा था। दरअसल, परिवार की इच्छा थी कि वह जल्द से जल्द अपने पैरों पर खड़ा हो जाए, ताकि उसकी शादी कर दी जाए, लेकिन बुधवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। देरशाम परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
हादसे की जानकारी मिलने के बाद पुलिस जब मौके पर पहुंची पास के पेट्रोल पंप के बगल में अनिल नामक एक चाय वाला मिला। उसने अखबार के टुकड़े पर हादसे के बाद भाग रही बस का नंबर लिखा था, जो उसने पुलिस को दे दिया। पुलिस के अनुसार, बस नारंगी रंग की थी।