मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को अधिकारि और प्रभारी मंत्रियों के साथ सुबह मॉर्निंग मीटिंग ली। इस दौरान सीएम ने पन्ना जिले के अधिकारियों के साथ वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक ली। इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज का सख्त रवैया दिखा और जिसमें उन्होंने पन्ना कलेक्टर को फटकार लगाई।पन्ना कलेक्टर से रोजगार मेले के बार में पूछा लेकिन सही जवाब नहीं देने के कारण मुख्यमंत्री नाराज हो गए।
दरअसल पन्ना जिले में 11 हजार लोगों को रोजगार देने का टारगेट है। जल जीवन मिशन में भी प्रगति कम है। और साथ ही इसके पीएम आवास में भी प्रगति कम है। इन सभी चीजों को लेकर कलेक्टर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए जिसके चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नाराज हो गए।
सीएम ने बताया कि पीएम आवास ग्रामीण क्षेत्र में अच्छा है लेकिन शहर में कम। तो वहीं बैठक में कहा कि सीएम हेल्पलाइन में भी पन्ना की अच्छी स्थिति नहीं है। जिसे लेकर इसे गंभीरता से देखे, क्योंकि सीएम हेल्पलाइन लोगों का विश्वास है। उधर पन्ना कलेक्टर पर हाईकोर्ट भी टिप्पणी कर चुका हैं।
हालांकि सीएम ने एडॉप्ट एन आंगनवाड़ी में पन्ना के अच्छा काम करने पर सीएम ने बधाई दी है। सीएम ने कहा कि जो खिलौने इकट्ठा हुए क्या वह आंगनवाड़ियों को दे चुके हैं। जिसके बाद सीएम जिन्होंने आंगनवाडी अडॉप्ट की हैं उनसे वर्चुली जुड़ें। और बताया कि मेरा अनुभव है जनता सहयोग के लिये तैयार है बस उन्हें प्लेटफार्म मिले। जिले में बच्चों को मिल्क पाउडर देने की पहल अच्छी है। यह अच्छा नवाचार है, इसके लिए बधाई।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हर योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन चाहिए, हम लोग हैं ही इसलिए प्रभारी मंत्री, स्थानीय मंत्री, विधायक बैठे और समीक्षा करें। और बताए कि किस चीज के हमारे कितने लक्ष्य तय थे और कितने हम प्राप्त कर चुके हैं। अगर कहीं भी गड़बड़ की शिकायत है तो किसी भी हालत में गड़बड़ करने वाले को छोड़ना नहीं है। और उसे बिल्कुल क्रश कर देना है।
उन्होंने कहा कि चीजें सीधी जनता तक पहुंचा चाहिए इसमें अगर कोई बाधा है तो उस बाधा को खत्म करें। और लैंड ऑर्डर में अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस छोड़ना नहीं है। किसी को भी! पन्ना बहुत अच्छा जिला है बहुत अच्छे लोग हैं लेकिन कैसे और तेज गति से विकास के पथ पर और आगे बढ़े और जनकल्याण की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन करें। इसमें सभी को एक्टिव रहना है। केवल कलेक्टर को ही नहीं, जितने भी अलग-अलग डिपार्टमेंट के अफसर हैं उन्हें पूरी क्षमता के साथ काम करना है।