वाशिंगटन, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म की शुरुआत की है। इसकी शुरुआत के मौके पर ही उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पर तीखा हमला बोलना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा है कि ट्विटर पर तालिबान की बढ़ती मौजूदगी साफ दिखाई दे रही है। इसके बावजूद आपके चहेते राष्ट्रपति जो बाइडन इस मुद्दे पर खामोश हैं। गौरतलब है कि ट्विटर ने ट्रंप के अंकाउंट को बंद कर दिया था।

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, बाइडन के हाथों पिछला चुनाव हार गए थे। ट्रंप अमेरिका के ऐसे राष्ट्रपति रहे हैं जिनके ऊपर दो बार महाभियोग चलाया गया। हालांकि दोनों ही बार वो इससे साफ बाहर भी आ गए। माना जा रहा है कि वह अगले राष्ट्रपति चुनाव में फिर से बाइडन के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेंगे। इसको देखते हुए ही उन्होंने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को एक्टिव किया है।
आपको बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन में अमेरिका और तालिबान के बीच समझौता हुआ था। ट्रंप ने ही तालिबान के साथ हुए समझौते में अपनी सेनाओं की वापसी की राह आसान की थी। ट्रंप ने इसके लिए 1 मई की तारीख तय की गई है। हालांकि बाइडन ने इस समय सीमा को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया था।
गौरतलब है कि काबुल में तालिबान ने 1 अगस्त को कब्जा कर लिया था इसमें 1 महीने के बाद तालिबान ने वहां पर अपनी सरकार का गठन कर लिया था। हालांकि अब तक तालिबान को किसी भी देश ने मान्यता नहीं दी है। वहीं दूसरी तरफ तालिबान इस बात की पूरी कोशिश कर रहा है कि उसको विश्व बिरादरी से मान्यता मिल सके। इसके लिए उसने कई बार भारत में अन्य देशों से भी अपील की है।
दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी तालिबान के साथ संबंध सुधारने की वकालत की है हाल ही में रूस में मास्को फार्मेट की तीसरी बैठक हुई है। इस बैठक में तालिबान को अफगानिस्तान में मानवीय आधार पर मदद देने का रास्ता साफ हुआ है। हालांकि, इस बैठक में उनकी सरकार को मान्यता देने का मुद्दा नहीं उठा है।
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