हाल ही में सीआईआई-डेलॉयट ने बीते गुरूवार को भारत में उच्च शिक्षा की स्थिति पर एक रिपोर्ट आई है. वही रिपोर्ट के अनुसार भारत में उच्च शिक्षा के लिए लगभग तीन करोड़ 26 लाख छात्रों ने नामांकन किया गया है. जंहा इसमें से 52 प्रतिशत पुरूष और 48 प्रतिशत महिलाएं हैं. भारत में सबसे ज्यादा नामांकन दर 81.14 प्रतिशत अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में है. जिसके बाद पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज में 9 प्रतिशत और डिपलोमा कोर्सेज में 7.93 प्रतिशत उम्मीदवार ही नामांकन कर रहे है. मिली जानकारी के अनुसार महिलाएं का सबसे ज्यादा एमफील कोर्स में 63.8 प्रतिशत नांमकन कर रही है. जो पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सज में घटकर 56.46 प्रतिशत और सर्टिफिकेट कोर्सज में 55.63 प्रतिशत दर्ज किया गया है.

अगर पीएचडी कोर्सेज की बात करें तो 92,570 पुरुषों के मुकाबले केवल 68,842 महिलाएं ही नामंकन करती पाई गई है. यदि हम रिपोर्ट की माने तो सभी पिछड़े वर्ग के छात्रों के नामांकन उनके जनसंख्या मेंअनुपात के हिसाब से कम है. पिछड़े वर्गों में सबसे ज्यादा नामांकन 35 प्रतिशत अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों द्वारा किए गया हैं. वही इसके बाद अनुसूचित जाति के छात्रों द्वारा 14.4 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के छात्रों द्वारा 5.2 प्रतिशत, मुस्लिम समुदाय के छात्रों द्वारा 5 प्रतिशत और अन्य अल्पसंख्यकों द्वारा 2.2 प्रतिशत नामंकन ही किया गया है.
सूत्रों के मुताबिक जहां साल 2014-15 में भारत में 760 विश्वविद्यालय थे, वहीं अब साल 2018-19 में यह संख्या बढ़कर 903 हो गई है. राजस्थान में सबसे ज्यादा 79 विश्वविद्यालय हैं. जिसके बाद उत्तर प्रदेश में 76, गुजरात में 65, कर्नाटक में 60 और तमिलनाडु में 58 विश्वविद्यालय हैं. वही इस रिपोर्ट में भारत में हुए मुख्य शिक्षा सुधारों को लेकर भी चर्चा की गई है, जैसे शिक्षा बजट को 11 प्रतिशत बढ़ाना. साल 2018-19 में शिक्षा बजट 85,010 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर साल 2019-2020 में 94,854 करोड़ रुपये किया जा चुका है.
 Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
 
		
 
 
						
 
						
 
						
 
						
 
						
