कारोबारी अपनी बिक्री या सेवाओं के अनुपात में टैक्स जमा कर रहे हैं या नहीं, इसकी जानकारी जीएसटी के अधिकारियों को आसानी से हो जाएगी। आयकर विभाग अब कारोबारियों के आंकड़ों को जीएसटी के साथ साझा करने पर सहमत हो गया है। इस संबंध में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक आदेश जारी कर अधिकारियों को जानकारी दी है।
पहली जुलाई, 2017 को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद से जीएसटी अधिकारियों के पास कारोबारी की बिक्री या सेवा के बारे में जानकारी हासिल करने का तंत्र तो था, लेकिन उन्हीं कारोबारियों द्वारा अन्य एजेंसियों को दिए आंकड़ों से मिलान करने का तंत्र नहीं था। जीएसटी अधिकारियों का कहना था कि कारोबारी जो रिटर्न आयकर में जमा करता है, उसकी एक कॉपी उन्हें भी देता है। लेकिन वह सही है या फर्जी, यह जानकारी नहीं हो पाती। अब सीबीडीटी इस बात पर तैयार हुआ है कि आयकर के कुछ आंकड़े जीएसटी अधिकारियों के साथ साझा किए जाएं
सीबीडीटी की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि आयकर विभाग जीएसटी से कुछ आंकड़े साझा करने को तैयार है। इसमें आयकर रिटर्न, कुल कारोबार, सकल आय, कारोबारी अनुपात आदि शामिल हैं। इन जानकारियों का खुद आदान-प्रदान हो जाएगा आयकर अधिकारी संतुष्ट होने के बाद जानकारी जीएसटी को मुहैया कराएंगे, इस पर अभी निर्णय होना बाकी है। आयकर अधिकारी भी जीएसटी के डाटा का इस्तेमाल अपनी जांच में कर सकेंगे।
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जीएसटी अधिकारियों का कहना है कि इससे दोनों विभागों को कारोबारियों के आंकड़ों को दोबारा चेक करने का मौका मिलेगा।टैक्स सलाहकार संतोष गुप्ता ने बताया कि सीबीडीटी के इस पत्र से जीएसटी अधिकारियों को राहत मिलेगी। आयकर विभाग अपनी जांच को और मजबूत करने के लिए पहले से ही आयकर रिटर्न में जीएसटी से संबंधित आंकड़े ले रहा है।