महाराणा प्रताप, टीपू सुल्तान, औरंगजेब Ladakh में भारतीय सीमा की हिफाजत में लगाए गए हैं। ये वो नाम हैं जो अपनी बहादुरी के लिए जाने जाते हैं और इतिहास से इनकी मिसाल दी जाती है। अब ये Tank के नाम हैं और इन्हें चीनी घुसपैठ के खतरे को देखते हुए Ladakh में तैनात किया गया है। ऐसे करीब 100 Tank को तैनात किया गया है।
Ladakh में भारतीय सीमा में चीनी घुसपैठ में पिछले 2 सालों में कमी जरूर आई है लेकिन खत्म नहीं हुई। चीन ने दादागीरी को आदत बना लिया है और बार-बार के समझाए जाने के बाद भी नहीं मानता।
भारतीय सीमा के पास तक वो काफी पहले ही सड़कें बना चुका है, उसकी सेनाएं यहां हमेशा तैनात रहती हैं। इस बेहद अहम इलाके में सड़कों, हवाई मार्ग पर चीन की तरफ से भारी निवेश हो रहा है ऐसे में भारत को भी उसकी बराबरी पर आना ही होगा।
भारत ने 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में यहां टैंक का इस्तेमाल किया था। उस समय 5 टैंक हवाई रास्ते से से यहां पहुंचाए गए थे, हालांकि युद्ध के खत्म होने के बाद ये टैंक यहां से हटा लिए गए थे। अब एक बार फिर से यहां टैंक पहुंच गए हैं और भारतीय सीमा की रक्षा कर रहे हैं।
कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही सीमा के उस पार चीनी सेना खड़ी है।यहां पर Tank की तैनाती उन हिस्सों पर अपना हक और पकड़ मजबूत साबित करने के लिए है, जिसे चीन अपना बताने की कोशिश करता है। हमारी तरफ से अबसे करीब 6 महीने पहले ही यहां टीपू सुल्तान, महाराणा प्रताप और औरंगजेब नाम वाली टैंक रेजिमेंट को तैनात किया गया। फिलहाल Tank की संख्या 100 हो गई है, लेकिन कुछ और टैंक भी अभी आने हैं।
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