गोपीनाथ मुंडे की पंकजा मुंडे को कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं मिली है। इस पर पंकजा मुंडे ने तो खुलकर भाजपा लीडरशिप से कोई नाराजगी जाहिर नहीं की है, लेकिन उनके समर्थक खफा बताए जा रहे हैं।

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के चलते भाजपा में भी नाराजगी देखी जा रही है। भाजपा के दिग्गज नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की पंकजा मुंडे को कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं मिली है। इस पर पंकजा ने तो खुलकर भाजपा लीडरशिप से कोई नाराजगी जाहिर नहीं की है, लेकिन उनके समर्थक खफा बताए जा रहे हैं। इस बीच कभी भाजपा में रहे और अब एनसीपी के नेता एकनाथ खडसे भी पंकजा मुंडे को सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मंत्री पद के लिए इंतजार करने की बजाय पंकजा मुंडे को सीधा सीनियर लीडरशिप से बात करनी चाहिए।
यही नहीं एकनाथ खडसे ने आरोप लगाया कि भाजपा ने मंत्रिमंडल विस्तार में कई बड़े ओबीसी नेताओं को किनारे लगा दिया है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में गोपीनाथ मुंडे के परिवार से जुड़े लोगों को दरकिनार किया जा रहा है। पंकजा मुंडे के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। अब भी यह संशय बना हुआ है कि पंकजा मुंडे को अगले कैबिनेट विस्तार में कैबिनेट में शामिल किया जाएगा या नहीं। मेरी पंकजा मुंडे को शुभकामनाएं। हालांकि एकनाथ खडसे ने कहा कि उन्हें कैबिनेट में आने और वरिष्ठों से मिलने के लिए समय इंतजार नहीं करना चाहिए।
खडसे का हमला- गोपीनाथ मुंडे के करीबी दरकिनार हुए
उन्होंने कहा कि मैं भी गोपीनाथ मुंडे साहब के साथ था। जो लोग बीजेपी में मुंडे के करीबी थे वो अब दरकिनार कर दिए गए हैं। हालांकि एकनाथ खडसे ने भी उम्मीद जताई कि उन्हें भविष्य में न्याय मिलेगा। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार का कैबिनेट विस्तार 40 दिनों के बाद हुआ है। बता दें कि कैबिनेट विस्तार में जगह न मिलने पर जब पंकजा मुंडे से सवाल किया गया था तो उन्होंने तीखा रिएक्शन दिया था। पत्रकारों ने पंकजा से पूछा कि आपका नाम हमेशा चर्चा में रहता है, लेकिन आपको मंत्री पद नहीं मिलता।
पंकजा बोलीं- शायद मंत्री पद के लिए मुझसे योग्य और लोग होंगे
इस पर पंकजा मुंडे ने जवाब देते हुए कहा था, ‘मेरा नाम चर्चा में रहने जैसा है। लेकिन अगर मैं इसके लायक नहीं हूं, तो और अधिक योग्य लोग होंगे। वे मुझे मौका देंगे जब उन्हें लगेगा कि मैं इसके लायक हूं। मेरे पास विरोध करने का कोई कारण नहीं है। पंकजा मुंडे ने जवाब दिया कि वे मुझे तब देंगे जब उन्हें लगेगा कि मैं योग्य हूं, इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है। साफ है कि पंकजा मुंडे खुलकर कुछ नहीं कहा, लेकिन उनके जवाब में मंत्री पद न मिलने को लेकर निराशा जरूर दिख रही थी।
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